यदि कोई झोलाछाप डॉक्टर लोगों का इलाज करते हुये पाया जाता है तो उसके विरूद्घ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्राय: लोग लापरवाही से स्थानीय स्तर पर दवाई खरीद कर या झोला छाप डॉक्टरों से इलाज कराके अपनी हालत खराब कर लेते है। ऐसी स्थिति में कोरोना संक्रमित व्यक्ति को समयाभाव के कारण उचित इलाज नहीं मिल पाता।
मृतक की पूरी जानकारी रखने के निर्देश
कलेक्टर ने कोरोना संक्रमित मरीज की मृत्यु होने पर मृतक का स्वास्थ्य कितने दिनों पूर्व खराब हुआ और कब अस्पताल आया, इसकी पूर्ण जानकारी तैयार करने तथा मृत्यु के कारणों का पता लगाकर मृतक के परिजनों तथा स्थानीय निवासियों को बताने को कहा कि संक्रमित व्यक्ति यदि पहले अस्पताल पहुंचता तो उसकी जान बच सकती थी। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
पर्याप्त बेड कराए जा रहे हैं उपलब्ध
जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त बेड उपलब्ध कराए जा रहे है। सभी मरीजों के इलाज की व्यवस्था शासन द्वारा की गई है। मरीजों के कक्ष में साफ-सफाई, गर्म पानी हेतु गीजर की व्यवस्था भी की गई है। इन अस्पतालों में मरीजों के लिये टीवी भी लगाये जा रहे हैं।
संदिग्धों को शासकीय जांच केंद्रों में जाच कराकर शासन की निगरानी में इलाज कराना है। किसी भी गैर डिग्रीधारी से इलाज कराना खतरनाक है। बीएमओ के माध्यम से एेसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की जाएगी।
-डॉ. एस. भारतीदासन, कलेक्टर, रायपुर