घर गिराए जाने के मामले में एक महिला अपनी बूढ़ी सास व दो बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगाने पहुंची जिलाधिकारी कार्यालय

घर गिराए जाने के मामले में एक महिला अपनी बूढ़ी सास व दो बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगाने पहुंची जिलाधिकारी कार्यालय

<p>घर गिराए जाने के मामले में एक महिला अपनी बूढ़ी सास व दो बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगाने पहुंची जिलाधिकारी कार्यालय</p>
रायबरेली . सलोन तहसील के परहरी गांव निवासी एक महिला अपनी बूढ़ी सास व दो बच्चों व ग्रामीणों के साथ न्याय की गुहार लगाने जिलाधिकारी कार्यालय पहुची।पीड़िता का कहना है कि दो दशकों से वो जिस घर मे रह रही थी उसे कल ग्राम प्रधान व लेखपाल ने जेसीबी से जमींदोज कर दिया।उनके साथ पुलिस भी मौजूद थी।जबकि हमे न तो इसकी सूचना दी गई और न ही कोई नोटिस।तहसील में गुहार लगाने पर जब किसी ने न सुनी तो आज डीएम से गुहार लगाने पहुची।फिलहाल उसे जिलाधिकारी तो नही मिले लेकिन आश्वासन जरूर मिला कि उसे न्याय मिलेगा।
महिला अपनी बूढ़ी सास व दो बच्चों के साथ न्याय की गुहार लगाने पहुंची जिलाधिकारी कार्यालय

जानकारी के अनुसार जिले की सलोन तहसील के परहरी गांव निवासी उर्मिला पति की मौत के बाद अपने दो मासूम बच्चों के साथ अपनी विधवा मां के साथ एक कच्चे मकान में रहती थी। इस घर पर इनका दो दशकों से निवास था।कल अचानक से ग्राम प्रधान लेखपाल व कुछ पुलिस कर्मियों के साथ पहुचे और जेसीबी से उसका घर जमींदोज कर दिया।जब उनसे उनसे इसका कारण पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नही दिया और वंहा से चलते बने।आज पीड़िता अपनी मां,बच्चों व कुछ ग्रामीणों के साथ डीएम से न्याय की गुहार लगाने के लिए उनकी चौखट पर पहुची थी ।लेकिन डीएम के आइसोलेट होने के कारण कार्यालय में मौजूद उनको अधीनस्थों ने उसको आश्वासन देकर चलता किया।ऐसे में देखना ये होगा कि उर्मिला को न्याय कैसे मिलता है।एक तो उसका सहारा कोई नही ऊपर से उसके पास जो घर था उसे भी जमींदोज कर दिया गया।

सलोन उपजिलाधिकारी को भी अवगत कराया गया लेकिन उन्होंने मामला संज्ञान में न होने की बात कह कर यह बताया की पीड़ित को बुलाया गया है उससे पूरी जानकारी करके हो भी दोषी होगा उस पर कार्यवाई की जायेगी।
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