केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की अधिकार प्राप्त समिति ‘जल्द से जल्द’ समस्याओं का समाधान करने के लिए मकान खरीदारों के पास पहुंचेगी।
नर्इ दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में मकान खरीदारों की समस्याएं सुलझने का नाम नहीं ले रही है। लगातार मकान खरीदारों का विरोध बढ़ता जा रहा है। जिसकी वजह से केंद्र सरकार पर दबाव भी बढ़ रहा है। एेसे में शहरी आवास विकास मंत्रालय की आेर से एक समिति का गठन किया गया है। जो मकान खरीदारों के घर जाएगी आैर उनकी समस्याआें का समाधान करेगी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस समिति का नाम क्या होगा? साथ ही इस समिति में कौन-कौन से लोग होंगे?
केंद्रीय मंत्रालय की समिति करेगी समाधान
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की अधिकार प्राप्त समिति ‘जल्द से जल्द’ समस्याओं का समाधान करने के लिए मकान खरीदारों के पास पहुंचेगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि आवास एवं शहरी विकास सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में 25 जून को समिति की पहली बैठक हुई थी। यह बैठक नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्रों में मकान खरीदारों के मुद्दों के संबंध में हुई थी।
इस समिति में ये लोग होंगे शामिल
पुरी ने कई ट्वीट में कहा कि रिपोर्टों का विश्लेषण करने के बाद एक पैनल की बैठक होगी। इस पैनल में उत्तर प्रदेश सरकार, बैंकों, एनबीसीसी, सीईओ एनओआईडीए (नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद अगली बैठक 10 जुलाई को प्रस्तावित है।’ केंद्रीय मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘समिति जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करने के लिए मकान खरीदारों के पास पहुंचेगी।”
2019 के चुनावों से पहले साधने की कोशिश
अगले कुछ महीनों में पीएम के यूपी में दौरे शुरू होने वाले हैं। 2014 के चुनावों में मोदी ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा एवं गाजियाबाद में अपना मकान खरीदकर रुपया फंसाने वालों को आश्वस्त किया था कि अगर बीजेपी सरकार आएगी तो उनकी समस्याआें का समाधान किया जाएगा। उसके तीन साल के बाद लोगों ने बीजेपी पर दोबारा भरोसा किया आैर यूपी विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत देखकर पार्टी को जिताया। लेकिन मकान खरीदारों को कोर्इ फायदा नहीं हुआ। अब केंद्र सरकार इस मामले में चुनावों से पहले सुलझााने की कोशिश में जुट गर्इ है।