गंभीर रूप से झुलसे पति-पत्नी को परिजन तथा ग्रामीण जिला अस्पताल लेकर पहुंचे किन्तु वहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। विभागीय लापरवाही से करंट की चपेट मे मौत को लेकर गांव मे आक्रोश फैल गया। मृतक दम्पति के निराश्रित बच्चे खुशबू 16, सबिता 15, कविता 13 तथा बबिता 10 व सात वर्षीय पुत्र संगम का रो-रो कर बुराहाल हो गया। मासूम बच्चों के सिर से मां व पिता दोनों का साया एक साथ उठने से गांव तथा आसपास के लोग भी गमगीन हो उठे।
घटना की जानकारी मिलने पर एसडीएम राम नारायण तथा सीओ जगमोहन भी मौके पर पहुंचे। इधर आक्रोश बढ़ता देख एएसपी पश्चिमी दिनेश द्विवेदी भी गांव पहुंच गए। अफसरों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। अपरान्ह क्षेत्रीय विधायक डा. आरके वर्मा भी मृतक के घर पहुंचे व संवेदना जताई। विधायक के हस्तक्षेप से विभाग की ओर से घटना को लेकर मृतक आश्रितों को जेई प्रमोद यादव तथा जेई शीलवंत सिंह दो-दो लाख का चेक लेकर पहुंचे। जिसे विधायक डा. आरके वर्मा ने मृतक आश्रितों को सौंपा।
वहीं विभाग के एक जेई शीलवंत सिंह ने भी मानवता की पहल की। जेई ने निराश्रित बच्चों को मदद के लिए खुद की ओर से ग्यारह हजार रूपए सौंपे। इधर इतनी बड़ी घटना के बावजूद क्षेत्रीय लेखपाल देर शाम तक लापता दिखा। नाराज एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर कानून-गो से स्पष्टीकरण मांगा है। घटना को लेकर मंगलवार को भी गांव में गम का माहौल दिखा। वहीं निराश्रित मासूम बच्चों का दहाड़ मार कर रोना बिलखना देख लोगों की आंखे भर आई।