परिषद की पहली ही बैठक में हंगामा, जद्दोजहद के बाद शहर से सुअ र हटाने का प्रस्ताव पारित, बजट भी पेश

हंगामेदार रही नगरपरिषद बोर्ड की पहली बैठक: धक्का मुक्की व अपशब्दों का भी हुआ प्रयोग
आयुक्त बार-बार फोन पर लेते रहे किसी से निर्देश
भाजपा और कांग्रेस के एकमत होने के बाद भी कार्यवाही विवरण में दिखाई कांग्रेस पार्षदों की असहमति

<p>परिषद की पहली ही बैठक में हंगामा, जद्दोजहद के बाद शहर से ***** हटाने का प्रस्ताव पारित, बजट भी पेश</p>
प्रतापगढ़. नगरपरिषद के नवनिर्वाचित बोर्ड की पहली ही बैठक हंगामेदार रही। बैठक में प्रमुख एजेंडा बजट और शहर को सुअ र मुक्त करने का था। दूसरे मुद््दे को लेकर कांग्रेस पार्षदों ने जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि यह बजट बैठक है, इसमें बजट के अलावा कुछ नहीं होना चाहिए। इसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने सदन से वाकआउट कर दिया। इससे पहले बैठक में पार्षदों के बीच धक्का मुक्की की नौबत आ गई। बैठक में कुछ पार्षद अपअशब्दों का प्रयोग करते भी दिखे। बैठक के दौरान कार्यवाहक आयुक्त जितेन्द्र मीणा भी सत्ता पक्ष के असहयोग की मुद्रा में ज्यादा नजर आए। वे बार-बार फोन पर किसी से निर्देश लेते रहे। इसे लेकर भाजपा पार्षदों ने नाराजगी भी जताई। जद्दोजहद के बीच सभापति रामकन्या प्रहलाद गुर्जर ने 57.77 करोड़ का बजट पेश किया।
बैठक बुधवार सुबह 11 बजे नगर परिषद सभागार में सभापति रामकन्या की अध्यक्षता में हुई। बैठक में प्रारंभ कांग्रेेस और भाजपा दोनों ही पार्टी के पार्षद शहर से ***** हटाने के मुद्दे पर एकमत थे, लेकिन कांग्रेस के पार्षदों का कहना था कि चूंकि यह बैठक बजट को लेकर हुई है। इसलिए पहले बजट पेश किया जाना चाहिए। जबकि भाजपा के पार्षद पहले ***** के मुद्दे पर ही चर्चा करने का दबाव बना रहे थे। इस बात को लेकर दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। इसी को लेकर विवाद शुरू हुआ। बाद में कांग्रेस के सभी पार्षद वॉकऑउट कर गए। कार्यवाहक आयुक्त जितेन्द्र मीणा ने ***** हटाने के मुद्दे पर कांग्रेस पार्षदों की असहमति प्रोसिंडिंग में जता दी। इस पर भी भाजपा पार्षदों ने विरोध जताया और कहा कि कांग्रेस पार्षदों ने ***** हटाने के लिए लिखित में सहमति दे रखी है। बैठक के दौरान भाजपा महिला पार्षदों ने भी जोर दिखाया।
आयुक्त के पास बार-बार आते रहे फोन, सभापति ने कहा- जांच हो, किससे ले रहे निर्देश
बैठक के दौरान आयुक्त थोड़ा विलंब से पहुंचे। आने के बाद भी आयुक्त के पास बार-बार फोन आता रहा।इस पर भाजपा पार्षदों ने आपत्ति जताई। कुछ पार्षदों ने कहा कि आयुक्त सरकार के दबाव में काम कर रहे है। बैठक के बाद सभापति रामकन्या ने आयुक्त के फोन पर बात करने को लेकर जांंच की मांग की है। सभापति ने आरोप लगाया कि आयुक्त विधायक के इशारों पर कार्य कर रहे है। हांलाकि इस मामले पर मीडिया से आयुक्त ने कहा कि उनके घर से फोन आ रहे थे।
दो बार एंजेंडे जारी करने पर भाजपा पार्षदों ने जताया विरोध, बोले- आयुक्त की ओर से जारी संशोधित एजेंडा नहीं मिला
नगरपरिषद की बोर्ड बैठक में दो बार एजेंडे जारी करने को लेकर भी हंगामा मचता रहा। सभापति व आयुक्त की ओर से 9 मार्च को बोर्ड बैठक को लेकर एजेंडा जारी किया। इसके कुछ दिनों बाद आयुक्त ने नया एजेंडा जारी कर पुराने एजेंडे से दो प्रस्ताव हटा दिए। बैठक में ***** मुक्त पर चर्चा हुई तो कांग्रेस के पाषदों ने आरोप लगाया कि बैठक एजेंडे के अनुसार चले। कांग्रेस के पार्षद आयुक्त की ओर से जारी नया एजेंडा बताते दिखे तो भाजपा के पार्षद पुराना एजेंडा पर चर्चा करने की बात कहते दिखे। इस पर सभापति ने कहा कि आयुक्त की ओर से नया एजेंडा जारी कर दिया गया जिसकी मुझे जानकारी नहीं थी ना ही भाजपा के 21 पार्षदों के पास कोई नया एजेंडा गया है। स
कांग्रेस पाषर्दो ने किया वाकआउट, बाद में ***** मुक्त के लिए लिया प्रस्ताव
11 बजे बैठक शुरू होने के बाद से बैठक में हंगामा होता रहा। जिसके बाद 11.40 पर उपसभापति सेवंती लाल चंडालिया के कहने पर कांग्रेस पाषदों ने सदन से वाकआउट कर दिया। वाकआउट के बाद सभापति व भाजपा के 21 पार्षदों की सहमति से नगर परिषद द्वारा शहर में घूम रहे सुअरों को पकडऩे का प्रस्ताव पारित किया गया। यह भी कहा गया कि नगर परिषद दो दिन में रूप रेखा बना कर एक माह में शहर ***** मुक्त करे।
बार बार बैठक छोडकऱ जाते रहे आयुक्त, मीडिया पर भी भडक़े
आयुक्त मीणा फोन पर बात करने के लिए बार-बार बाहर जाते रहे। वे करीब चार- पांच बार बैठक छोडकऱ गए। इस पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा किया। बाद में जब वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने उनसे बार-बार बाहर जाने का कारण पूछा तो वे बोले कि जरूरी काम से उन्हें बाहर जाना पड़ा। उन्होंने परिषद कर्मचारियों से मीडियाकर्मियों को बाहर निकालने का इशारा किया। लेकिन मीडियाकर्मियों और सत्ता पक्ष के पार्षदों के विरोध के बाद शांत हो गए।
आयुक्त ने निभाई विपक्ष की भूमिका : सभापति
सभापति रामकन्या ने बाद में मीडियाकर्मियों से बातचीत में आरोप लगाया कि आयुक्त मीणा सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उनका रवैया शुरू से ही असयोगात्मक रहा। सभापति ने कहा कि बैठक में भी वे एक प्रकार से विपक्ष की भूमिका में ही नजर आए। उन्होंने प्रोसिंडिंग भी अपनी मर्जी से तैयार की। इसमें भेदभावपूर्ण रवैया झलका।
भाजपा के पार्षद दिखाते रहे कानून, आयुक्त बताते रहे अपने नियम

बैठक में आयुक्त ने कहा कि चूंकि यह बजट संबंधी बैठक है, इसलिए इसमें अन्य बिंदु नहीं उठाए जा सकते। लेकिन भाजपा पार्षदों ने पुरानी बैठको और नगर निकाय कानून का हवाला देते हुए कहा कि बैठक में सभापति की अनुमति से अन्य मुद्दे भी उठाए जा सकते हैं। पार्षद अमित जैन ने बजट के अलावा अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के नियमों की कॉपियां और नगरनिकायों कानून की प्रति भी दिखाई। उन्होंने पिछली बोर्ड बैठकों की प्रोसिडिंग की नकल भी दिखाई। जिसमें एजेंडे के अलावा अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हुई। इस पर आयुक्त अपने नियम बताते दिखाई दिए। भाजपा पार्षदों ने जब नियम की बात कई तो आयुक्त सदन छोड़ जाने लगे।

झलकियां…
– बैठक के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा गया। आयुक्त सहित अधिकांश पार्षदों ने मुंह पर मास्क नहीं लगा रखा था। सोशल डिस्टेसिंग की पालना भी नहीं की गई थी।
– आयुक्त जितेन्द्र मीणा हड़बड़ी में सभापति गुर्जर के गले में माला पहनाने लगे। बाद में पार्षदों ने उन्हें टोका तब उन्होंने हाथ मे माला सौंपी।
– सदन शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस व भाजपा के नेता नगरपरिषद पहुंच गए थे, लेकिन कांग्रेस के पार्षदों की ओर से वाकआउट करने के बाद सदन में कांग्र्रेस के कुछ नेता पहुंच गए। इस पर भाजपा पार्षदों ने विरोध किया तो कुछ देर के लिए उन्हें बाहर निकाल गेट बंद किया गया।
– बैठक में हंगामा देख पुलिस प्रशासन ने आरएससी के जवानों की भी बुलाया गया। हालांकि बाद में सब कुछ शांति से निपट गया। बैठक में 57.77 करोड़ का बजट प्रस्ताव भी पारित हो गया और ***** हटाने का प्रस्ताव भी पारित हो गया।
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