नौ दिन के अवकाश के बाद खुली कृषि उपज मंडी में लौटी रौनक

प्रतापगढ़.यहां कृषि उपज मंडी में नौ दिनों के बाद सोमवार को रौनक लौटी। मंडी खुलने पर जिले से किसान भी अपनी उपज लेकर पहुंचे। इससे यहां काफी चहल-पहल दिखाई दी।

<p>नौ दिन के अवकाश के बाद खुली कृषि उपज मंडी में लौटी रौनक</p>

-किसान पहुंचे उपज लेकर
प्रतापगढ़.
यहां कृषि उपज मंडी में नौ दिनों के बाद सोमवार को रौनक लौटी। मंडी खुलने पर जिले से किसान भी अपनी उपज लेकर पहुंचे। इससे यहां काफी चहल-पहल दिखाई दी।
ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज को बेचने के लिए मंडी में पहुंचे। जिससे व्यापारियों, आढ़तिए, हम्मालों, तुलावटियों, मजदूरों के चेहरों पर भी रौनक दिखाई दी। गौरतलब है कि
प्रतापगढ़ की कृषि उपज मंडी में 27 मार्च से 4 अप्रेल तक अवकाश की घोषणा की गई थी। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन, बैंकिंग कामकाज और त्योहारों की वजह से 9 दिनों के लंबे अवकाश की घोषणा मंडी प्रशासन की ओर से की गई थी। इस दौरान मंडी में कारोबार पूरी तरह ठप्प रहा था। मंडी में कारोबार बंद रहने से सबसे ज्यादा परेशानी रोजाना कमाने वाले श्रमिकों को उठानी पड़ी थी। अवकाशों के बाद जब मंडी खुली तो लोगों के चेहरों पर काफी रौनक दिखाई दी। गांवों से किसान अपनी उपज लेकर अल सुबह से ही वाहनों में भरकर पहुंचान शुरू हो गए।
मंडी सचिव मदन लाल गुर्जर ने बताया कि मंडी में बढ़ती हुई आवक को देखते हुए किसानों, व्यापारियों और मजदूरों से कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने की अपील की गई। इसके साथ ही यहां नौ दिनों बाद मंडी खुलने से व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के पूरे प्रयास किए गए।
यह रही आवक
मंडी में सोमवार को जिंसों की आवक भी काफी रही। यहां मंडी में गेहूं 1370, चना 340, मसूर 440, सोयाबीन 258, अलसी 1150, मैथी 128, अजवाईन 11, लहसुन 790, प्याज 170, धनिया 10 बोरी की आवक हुई।
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रबी की अजवाइन फसल पकी
-थे्रसरिंग में जुटे किसान
स्वरूपगंज.
क्षेत्र में किसान अब परम्परागत फसलों की खेती में भी रुझान बढ़ा रहे है। इसके साथ ही नई किस्मों को बुवाई में जगह दे रहे हैं। इसें में अजवाईन की फसल बुवाई भी कर रहे है। गौरतलब है कि अजवाइन की फसल अमुमन बारिश में बोई जाती है। जो जनवरी-फरवरी तक कटाई हो जाती है। वहीं कई किसान अजवाइन की फसल बारिश के बाद बोते है। जो दो सिंचाई में पकती है। यह किस्म मार्च के दूसरे सप्ताह से पकना शुरू हो जाती है। ऐसे में अप्रेल प्रथम सप्ताह में इसकी थ्रेसरिंग होती है। निकटवर्ती गांव गडरियावास में एक किसान परिवार अपने खेतों में अजवाइन की पका फसल की थ्रेसरिंग में व्यस्त है।
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