राजस्थान स्थापना दिवस पर मैराथन दौड़ आज

राजस्थान स्थापना दिवस पर मैराथन दौड़ आज

राजस्थान स्थापना दिवस पर मैराथन दौड़ आज
प्रतापगढ़. राजस्थान स्थापना दिवस के उपलक्ष में राजस्थान दिवस मैराथन दौड़ एवं विभिन्न खेल, साहित्यिक, सांस्कृृतिक एवं विभिन्न प्रतियोगिता और प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही मिनी सचिवालय एवं शहर के प्रमुख चौराहों पर आकर्षक रोशनी भी की जाएगी। कार्यवाहक जिला कलक्टर हेमेन्द्र नागर ने बताया कि स्थापना दिवस के उपलक्ष में 27 मार्च को सुबह 7.30 बजे नगर परिषद से राजस्थान दिवस मैराथन दौड़ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी, विद्यार्थी व आमजन भाग लेंगे। 28 से 30 मार्च तक विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 28 मार्च को निबंध प्रतियोगिता, चित्रकला, वाद-विवाद एवं प्रश्नोत्तरी आदि प्रतियोगिताएं भट््टारक स्कूल में आयोजित होगी। इसी दिन मध्यान्ह्् दो बजे खेल छात्रावास प्रतापगढ़ में वॉलीबाल एवं मोहनलाल सुखाडिय़ा स्टेडियम प्रतापगढ़ में रस्साकस्सी तथा सांय 4 बजे खेल छात्रावास में तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन होगा। 29 मार्च को मध्यान्ह्् दो बजे हाई सैकण्ड्री स्कूल मैदान में क्रिकेट प्रतियोगिता होगी। 30 मार्च को सायं 6 .30 बजे से दीपेश्वर तालाब पर दीपदान एवं सायं 7 बजे अटल रंगमंच के पास भव्य आतिशबाजी तथा सायं 7.30 बजे से सांस्कृृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। राजस्थान स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर 29 मार्च को बाणमाता परिसर में भक्ति संगीत कार्यक्रम होगा। 30 मार्च को नगर परिषद में सुबह 11 बजे विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी का आयोजन होगा। राजस्थान स्थापना दिवस समारोहपूर्वक आयोजित करने के लिए समारोह समिति का गठन कर अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की गई है। जिला खेल अधिकारी गिरधारी सिंह चौहान ने बताया कि प्रतापगढ़ के विभिन्न विद्यालयों व खेल छात्रावासों के बालक-बालिका को मैराथन दौड़ में भाग लेने के लिए कहा गया है जिससे अधिक से अधिक खिलाड़ी भाग लें। प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त करने वालों को जयपुर में आयोजित मुख्य समारोह में जिला प्रतिनिधि के रूप में भेजा जाएगा।
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विकास में रूकावट, अवैध बसावट
-शहर में लगातार बढ़ रहा कच्ची बस्तियों का दायरा
-2004 के बाद से अब तक नहीं हुआ कच्ची बस्तियों का सर्वे
प्रतापगढ़.
शहर में कच्ची बस्तियों का दायरा दिनोंदिन बढ़ रहा है। सरकारी जमीन पर ऐसी बस्तियों को बसने देने के पीछे कहीं ना कहीं अवैध अतिक्रमण की मानसिकता और वोट बैंक जिम्मेदार है। शहर में वर्तमान में 6 कच्ची बस्तियां हैं। राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2004 में इन कच्ची बस्तियों का सर्वे हुआ था, जिसके बाद आज तक सर्वे नहीं हुआ है जबकि इन बस्तियों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। जिस पर नगरपरिषद व प्रशासन का ध्यान नहीं दिखाई देता है।
अब पता नहीं कितनी है झुग्गी झोपड़ी
नगरपरिषद के पास अब ये आंकड़ा भी नहीं है की शहर में बसी इन कच्ची बस्तियों में कितनी झुग्गी झोपडिय़ां हैं। बेशकीमती सरकारी जमीनों पर ही कच्ची बस्तियों का दायरा लगातार बढ़ रहा है। सरकारी अधिकारियों, पार्षदों, मंत्री, विधायकों सबको इसका पता भी है लेकिन कोई इसे रोकने के लिए आगे नहीं आ रहा।
मिनी सचिवालय तक पहुंची कच्ची बस्ती
शुगर फैक्ट्री के पीछे कच्ची बस्ती में 2004 के सर्वे में 77 मकान का आंकड़ा है। जबकि अब बगवास कच्ची बस्ती शुगर फैक्ट्री के पीछे से धीरे-धीरे मिनी सचिवालय तक जा पहुंची है।
सब वोटों का खेल
जानकारों के अनुसार बढ़ती कच्ची बस्तियों के पीछे चुनावों में वोटों का खेल है। विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग इन कच्ची बस्तियों को बढ़ावा देते हंै। राजनेताओं की सरपरस्ती के कारण इन बस्तियों के खिलाफ कोई कारगर कार्रवाई नहीं की जा रही।
यह है 2004 का कच्ची बस्तियों का सर्वे
कच्ची बस्ती मकान
तालाब खेड़ा 10
बगवास तालाब के पास 28
अहीर बस्ती 01
रूघनाथपुरा 06
मानपुरा 01
चालिसा 02
शुगर फैक्ट्री के पीछे 77

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2004 में हुआ था सर्वे
राज्य सरकार की ओर से 2004 में कच्ची बस्तियों का सर्वे किया गया था। सर्वे राज्य सरकार की ओर से किए जाते हंै।
अशोक कुमार जैन, आयुक्त नगरपरिषद प्रतापगढ़
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