प्राकृतिक छटाओं के बीच विराजित भंवरमाता

शारदीय नवरात्र: मंदिरों और घर-घर में होगी घट स्थापना

<p>प्राकृतिक छटाओं के बीच विराजित भंवरमाता</p>
छोटीसादड़ी. उपखंड के अरावली की सुन्दर अट्टालिकाओं में शक्तिपीठ भंवरमाता का प्रसिद्ध तीर्थ है। यहां देवी मां भंवरमाता, मां कालिका और सरस्वती माता विराजित है। मंदिर के साथ यहां प्रमुख आकर्षण का केंद्र यहां बहने वाला लगभग 70 फीट ऊंचाई से बहने वाला जलप्रपात है। जो एक कुंड में गिरता है। अरावली की इन्ही अट्टालिकाओं में केवड़े की नाल है। जिसकी प्राकृतिक सुन्दरता देखते ही बनती है। माना जाता है कि यहां आने वाले की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस रमणीय स्थल पर हर रविवार एवं नवरात्र में मेवाड़.मालवा सहित कई प्रदेशों के लोग माता के दर्शन के लिए पंहुचते है।
मंदिर के शिलालेखों पर महिसासुर राक्षस के मर्दन का है वर्णन
जिन प्राकृतिक छटाओं के बीच यह मंदिर है। भंवर माता मंदिर में संवत् 547 का एक शिलालेख उपलब्ध हुआ है। जिसमें असुर संहारिणी, शूलधारिणी दुर्गा की आराधना की गई है। इस शिलालेख में पार्वती द्वारा शिव के प्रति भक्ति एवं श्रद्धा से अभिभूत होकर शिव का आधा शरीर बन जाने का उल्लेख भी किया हुआ है। जानकारों की माने तो भंवरमाता मन्दिर से मिले इस शिलालेख में देवी दुर्गा को महिसासुर राक्षस मर्दन के लिए उग्र सिंहों के रथ पर सवार होकर जाने का वर्णन है।
घर-घर में होगी घट स्थापना

प्रतापगढ़. माता की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र का आयोजन गुरुवार से शुरू होगा। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की ओर से तैयारियां की गई है। वहीं इस बाद सरकार की ओर से गाइड लाइन के अनुसार माता के पांडाल नहीं सजेंगे। जिससे मंदिरों और घर-घर में ही घट स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही नवरात्र में आराधना भी होगी। शहर के श्री ब्रह्म ज्योति संस्थान द्वारा गुरुवार से नवरात्र मनाया जाएगा। दीपेश्वर महादेव परिसर स्थित वैदिक गुरुकुल में शारदीय नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसमें नवरात्र महोत्सव के प्रथम दिवस पर श्री ब्रह्म ज्योति संस्थान के अध्यक्ष एवं सदस्यों के अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना की जाएगी। जिसमें बटुकों द्वारा प्रतिदिन नवार्ण मंत्र के एकलाख जाप व बगुलामुखी मन्त्र के प्रतिदिन 10 हजार जाप किए जाएंगे। आचार्य पंडित दिनेश द्विवेदी ने बताया कि नवरात्र के अष्टम दिवसीय अनुष्ठान श्री ब्रह्म ज्योति वैदिक गुरुकुल दीप नाथ महादेव मंदिर परिसर पर विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे जिसमें बटुकों द्वारा मां भगवती का प्रतिदिन विशेष पूजन अर्चन अभिषेक व रात्रि कालीन में मां भगवती पीतांबरा का हवन किया जाएगा।

नवरात्री के अवसर पर डांडिया नृत्य एवं जुलूस का आयोजन नहीं हो सकेगा
प्रतापगढ़. जिले में कोविड महामारी की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम करने एवं जारी गाइडलाइन की पालना को देखते हुए कल से प्रारंभ हो रहे नवरात्री पर्व के अवसर पर जिलेभर में डांडिया एवं जुलूस का आयोजन नहीं किया जाए जा सकेगा। जिला कलक्टर एवं मजिस्ट्रेट प्रकाशचंद्र शर्मा ने सभी उपखंड मजिस्ट्रेट एवं तहसीलदार से कहा है कि वे राज्य सरकार द्वारा कोराना संक्रमण की रोकथाम के लिए समय-समय पर जारी निर्देशों की पालना करने के निर्देश दिए है। उन्होंने बताया कि जिले में कोरोना प्रोटॉकोल की अनुपालना का अभाव संक्रमण की तीसरी लहर के कारण बन सकता है, इसीलिए नवरात्रा के अवसर पर डांडिया एवं जुलूस का आयोजन नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए किसी भी प्रकार के भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम, धरना प्रदर्शन, जुलूस, रेलिया आदि का आयोजन निषिद्ध किया गया है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर से शरद नवरात्री पर्व प्रारंभ हो रहा हैं, जिसमें डांडिया नृत्य, जुलूस आदि का आयोजन होता है और भारी भीड़ एकत्रित होती है। उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिले में डांडिया नृत्य एवं जुलूस का आयोजन नहीं किया जाएगा एवं विभिन्न धार्मिक स्थलों पर मंदिर प्रशासन यह सुनिश्चित करें कि मंदिर में दर्शन हेतु दर्शनार्थियों की अत्यधिक भीड़ इक_े ना हो तथा धार्मिक स्थलों पर कोविड-19 गाईडलाईन की पालना सुनिश्चित की जाए।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.