Punjab: क्या भाजपा के साथ जुड़ सकते हैं कैप्टन? सामने आया पार्टी का जवाब

पिछले माह पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद क्या कैप्टन अमरिंदर सिंह और भाजपा साथ-साथ आएंगे? क्या अगले विधानसभा चुनाव में दोनों साथ रहेंगे? जानिए इस बड़े सवाल का क्या है जवाब।

<p>What is the Future plan of Captian Amrinder Singh and BJP? Here&#8217;s the big answer </p>
नई दिल्ली। पिछले माह ही पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने भविष्य के विकल्प खुले रखने की बात कही थी। इसके बाद अब भारतीय जनता पार्टी अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव पर नजर बनाए हुए है। इस कड़ी में भाजपा ने कहा है कि पार्टी ने प्रदेश के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के साथ किसी भी संभावित गठबंधन के विकल्प खुले रखे हुए हैं।
यह जानकारी सार्वजनिक करने के साथ ही भाजपा पूर्व सीएम सिंह के राजनीतिक कदमों की बारीकी से निगरानी में जुटी हुई है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब प्रभारी दुष्यंत गौतम ने इस संबंध में समाचार एजेंसी आईएएनएस से चर्चा की।
गौतम ने बताया कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा की अपनी योजना और रणनीति है। पार्टी विकासशील स्थिति के मुताबिक काम कर रही है। उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बड़ा नाम हैं और पंजाब की राजनीति पर उनका प्रभाव है। हालांकि सबसे पहले कैप्टन को अगले राजनीतिक कदम के बारे में अपनी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट करनी चाहिए।
गौतम ने आगे कहा कि हमारी भी अपनी योजनाएं हैं और भाजपा उसके साथ ही आगे बढ़ रही है। कैप्टन अमरिंदर सिंह की रणनीति के बारे में तो हम कुछ नहीं कह सकते और फिलहाल यह भी नहीं बता सकते हैं कि भविष्य में क्या होगा? गौतम ने यह भी कहा कि भाजपा के दरवाजे सभी राष्ट्रवादियों के लिए खुले हुए हैं। हमारी एक राष्ट्रवादी पार्टी है और हमारे लिए सबसे पहले राष्ट्र आता है और जो कोई भी इस बात में विश्वास करता है, हम उसका स्वागत करते हैं।
गौतम ने बताया कि भाजपा फिलहाल प्रदेश भर में संगठनात्मक उपस्थिति की मजबूती पर काम कर रही है। हम 51 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इस बीच पार्टी राज्य में अपना आधार बढ़ाने के लिए कई अभियान पहले से ही चला रही है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। हालांकि उनका कांग्रेस में बने रहने का भी कोई इरादा नहीं है। पार्टी के कई नेताओं ने यह स्वीकार किया है कि कैप्टन भाजपा के अभियान को एक बढ़ावा देंगे। कोई भी गठजोड़ तभी होगा, जब वह अपना रुख स्पष्ट करेंगे।
कैप्टन अमरिंदर सिंह का धमाका
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि कैप्टन की छवि हमारी राष्ट्रवादी राजनीति के मुताबिक है। कैप्टन का इस्तेमाल पिछले एक साल से तीन कृषि कानूनों के विरोध में जुटे किसानों को शांत करने के लिए किया जा सकता है। एक अन्य नेता ने कहा कि कैप्टन शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा को खोई हुई जमीन हासिल करने में मदद करेंगे। कैप्टन के कद और राजनीति की समझ से हमें उनके साथ हाथ मिलाने में मदद मिलेगी।
अपनी रणनीति के तहत, भाजपा पहले से ही करीब तीन दर्जन शहरी सीटों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। पार्टी के एक सूत्र के मुताबिक शहरी निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं की अलग-अलग आकांक्षाएं होती हैं। पंजाब के शहरी मतदाताओं की चाहत समृद्धि और शांति है। ये मतदाता उस पार्टी का ही समर्थन करेंगे जो दोनों का वादा करती है। पहले भी उन्होंने भाजपा का समर्थन किया था, अब हम अगले राज्य चुनावों में उनके समर्थन को वापस जीतने को लेकर काम कर रहे हैं।
दरअसल, भाजपा को उत्तर प्रदेश, मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड जैसे चार राज्यों की तुलना में पंजाब में सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर अगले साल फरवरी-मार्च में एक साथ चुनाव होने हैं। नए कृषि कानूनों को लेकर पिछले साल शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन से अलग होने के बाद भाजपा पहली बार पंजाब में अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। वर्ष 2017 के पिछले पंजाब विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 23 में से केवल तीन जीती थीं।

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.