जेटली को पद से इस्तीफा दे देना चाहिए: राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष ट्विटर पर लिखा कि आज लंदन में विजय माल्या द्वारा लगाए गए बेहद गंभीर आरोपों को देखते हुए प्रधानमंत्री को इस मामले में तुरंत स्वतंत्र जांच का आदेश देना चाहिए। जबतक यह जांच चल रही हो अरुण जेटली को वित्त मंत्री के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
विजय माल्या ने बढ़ाई मोदी सरकार की मुश्किलें, केजरीवाल ने निकाला स्वामी का पुराना ट्वीट
‘माल्या-वित्त मंत्री की औपचारिकरूप मुलाकात थी’
वहीं इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि माल्या कह रहे हैं कि भारत छोड़ने से पहले वह जेटली से मिला था और उसने वित्त मंत्री से उस पर बैंकों के बकाया कर्ज को निपटाने के संबंध में पेशकश की थी। माल्या के लंदन में इस संबंध में दिए गये बयान से साफ हो गया है कि माल्या ने वित्त मंत्री से औपचारिकरूप से मुलाकात की थी। सिंघवी ने कहा ने कहा कि बुनियादी सवाल यह है कि जिस व्यक्ति के पास बैंकों का इतना ज्यादा कर्ज है और पूरे देश को यह मालूम है उसे विदेश जाने से रोका क्यों नहीं गया। बैंकों से इतनी बड़ी रकम लेकर एक बकायादार विदेश भाग रहा है और उसे रोका नहीं जा रहा है यह हैरान करने वाली बात है।
विजय माल्या के बयान पर बोले जेटली- मिला तो था लेकिन बात नहीं हुई
जेटली ने कहा- मिला तो था लेकिन बात नहीं हुई
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने विजय माल्या के दावे को खारिज कर दिया है। जेटली ने कहा कि वह (माल्या) राज्यसभा का सदस्य थे और कभी-कभार संसद आया करते थे। एक बार जब मैं सदन से अपने कक्ष जा रहा था, उन्होंने विशेषाधिकार का फायदा उठाया। मंत्री ने कहा कि वह तेजी से मेरी तरफ आगे बढ़े और एक वाक्य कहा कि ‘मैं सेटलमेंट का ऑफर दे रहा हूं’। जेटली ने कहा कि चूंकि वह उनके पहले के झूठे वादों को जानते थे इसलिए मैंने उन्हें आगे बातचीत करने की इजाजत नहीं दी। उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि मुझसे बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है और उसे अपने ऑफर को बैंकों को देना चाहिए। मैंने उनके हाथ में पकड़े पेपर तक को नहीं लिया था। जेटली ने कहा कि इस एक वाक्य की बातचीत के अलावा उन्होंने कभी भी माल्या को मिलने का समय नहीं दिया। जेटली ने कहा कि उन्होंने 2014 के बाद मुलाकात के लिए माल्या को कभी समय नहीं दिया और कि मुझसे मुलाकात का प्रश्न ही नहीं उठता।