सचिन पायलट या किसी और पर है निशाना? Rahul Gandhi ने कहा जिसे जाना है पार्टी छोड़कर जाए मीडियो से बातचीत में मोइली ने कहा कि यह सोचने का वक्त नहीं है कि कौन सही है या कौन गलत है। लेकिन सवाल कांग्रेस पार्टी की अखंडता का है। इसे बनाए रखना है। सचिन पायलट को सब कुछ मिला। वह एक सांसद, एक केंद्रीय मंत्री थे। उन्हें पीसीसी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री भी बनाया जा चुका है।
गौरतलब है कि राजस्थान ( Rajasthan govt ) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बागी तेवर अपनाने के बाद सचिन पायलट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। सचिन को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया गया है। मोइली पूर्व ने आगे कहा कि पार्टी आकांक्षाओं को समझती है, लेकिन इसके लिए पार्टी के ढांचे में काम करना सीखना होगा।
Maharashtra Govt को लेकर Ramdas Athawale ने की भविष्यवाणी, Rajasthan की बताई अलग कहानी उन्होंने आगे कहा कि आप पार्टी की कीमत पर उठने की महत्वाकांक्षा नहीं रख सकते हैं। पायलट को धैर्य के साथ और इंतजार करना चाहिए था। बेशक सचिन पार्टी के लिए काम कर रहे थे। कोई भी इससे इनकार नहीं करता है। कड़ी मेहनत करने का मतलब यह नहीं है कि किसी को नियम तोड़ देने चाहिए। पायलट को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में भाग लेना चाहिए था। एक पीसीसी अध्यक्ष होने के नाते उन्हें जिम्मेदारी से काम करना चाहिए था।
इतना ही नहीं मध्य प्रदेश ( Madhya Pradesh Govt ) के घटनाक्रम पर मोइली ने कहा कि चाहे वह सिंधिया हो या पायलट, उन्हें अपने मौके का इंतजार करना चाहिए। भाजपा में वे कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। यह पायलट और सिंधिया दोनों के लिए आत्मघाती कदम है। कांग्रेस पार्टी के दरवाजे अभी भी पायलट के लिए खुले हुए हैं। हालांकि उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि पायलट के खिलाफ किसी भी अन्य कार्रवाई का सवाल उनके आगे के फैसलों पर ही निर्भर करता है।