नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) की राजनीति में नए साल की शुरुआत नगर निगम चुनाव के आगाज से होने वाली है। प्रदेश में चुनाव की तैयारी शुरू भी हो चुकी है। राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के लिए रणनीतियां बनाना भी शुरू कर दी हैं।
इसी कड़ी में शिवसेना ( Shivsena ) प्रमुख उद्धव ठाकरे ( Uddhav Thackeray ) ने भी चुनावी रणनीतियों पर काम शुरू कर दिया है। उद्धव सरकार की नजर गुजराती वोटरों पर है। यही वजह है कि पार्टी अब गुजराती वोटरों को लुभाने में जुट गई है।
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शिवसेना ने गुजराती मतदाताओं (Gujarati Voters) को अपने पाले में लाने के लिए स्थानीय व्यंजनों का सहारा लिया है। गुजराती वोटरों को लुभाने के लिए शिवसेना जलेबी-फाफड़ा (Jalebi-Fafda) की नीति पर काम कर रही है।
दरअसल शिवसेना इस तीखे-मीठे खाने के जोड़ के जरिए चुनावों में फायदा उठाने की जुगाड़ में लगी है। हालांकि इसके साथ-साथ शिवसेना अपनी विरोधी पार्टी बीजेपी को भी आड़े हाथों ले रही है।
गुजरातियों के साथ खास बैठक
महाराष्ट्र में गुजरातियों वोटरों पर अब शिवसेना की नजरें हैं। यही वजह है कि शिवसेना नेता हेमराज शाह ने गुजरातियों को खास न्योता दिया है।
उन्होंने मुंबई में सभी गुजरातियों को एक साथ विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया है। मुंबई म्युनिसिपल चुनावों को प्रतिष्ठित और जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा है कि यह खास बैठक मुंबई में मौजूद गुजराती मतदाताओं के बीच जागरूकता फैलाने के लिए बुलाई जा रही है।
दंगों का भी सहारा
शिवसेना ना सिर्फ फाफड़ा-जलेबी से बल्कि गुजरात दंगों को लेकर भी गुजरातियों की सहानुभूति लेने में जुटी है। यही वजह है कि हेमराज शाह ने अपने बयान में दंगों का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि - मैं मुंबई के गुजराती भाई-बहनों को यह याद दिलाना चाहता हूं कि वे बालासाहब ठाकरे ही थे, जिन्होंने दंगों के दौरान गुजरातियों की जान बचाने में मदद की थी।'
बीजेपी को लिया आड़े हाथ
चुनावी माहौल के बीच शिवसेना के नेता बीजेपी पर भी निशाना साध रहे हैं। शाह ने कहा- बीजेपी में संकीर्ण मानसिकता और नेतृत्व में अंहकार के कारण वे मराठी नेतृत्व को मौका नहीं देना चाहते थे। इसलिए उद्धव ठाकरे को उनसे सत्ता छीननी पड़ी।