राज्यपाल से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री, मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें शुरू

चुनावी के नतीजों की जानकारी देने राजभवन पहुंचे शिवराज, अब मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें शुरू….।

<p>shivraj meets governor cabinet expansion news</p>

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। राज्यपाल 8 नवंबर से मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं और वे बुधवार को ही लखनऊ जाने वाली हैं। इस मुलाकात को सौजन्य मुलाकात बताया जा रहा है।

 

चौहान ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। चौहान ने कहा कि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से राजभवन पहुंचकर भेंट की और उपचुनाव में मिली सफलता एवं जनादेश से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने अपनी शुभकामनाएं और आशीर्वाद दिया। मैं उनकी अमूल्य शुभेच्छाओं के लिए हृदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूं।

 

https://twitter.com/anandibenpatel?ref_src=twsrc%5Etfw

 


मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें

मध्यप्रदेश में उपचुनावों के रिजल्ट के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें भी शुरू हो गई हैं। उपचुनाव लड़ने उतरे शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्रियों के इस्तीफे के बाद अब उन्हें दोबारा से मंत्री बनाया जाएगा। साथ ही जो मंत्री हार गए हैं, उनके स्थान पर नए मंत्रियों को शामिल किया जाएगा। माना जा रहा है कि दीपावली से पहले भी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार सुबह राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। इस मौके पर चौहान ने राज्यपाल को उपचुनाव में परिणामों की जानकारी दी। साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की भी चर्चा की।

 

इन मंत्रियों को मिलेगा दोबारा मौका

इस उपचुनाव में भाजपा की यह बड़ी जीत है। हालांकि शिवराज कैबिनेट में सिंधिया समर्थकों की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी। इनमें से तीन मंत्री चुनाव हार गए। इनमें इमरती देवी, एंदल सिंह कंषाना और गिर्राज दंडोदिया चुनाव हार गए। यह तीनों ही सिंधिया समर्थक मंत्री थे। इनके अलावा सिंधिया समर्थक बाकी मंत्री चुनाव जीत गए। इनमें सांची से प्रभुराम चौधरी, सांवेर से तुलसी सिलावट और सुरखी से गोविंद सिंह राजपूत ने बड़ी जीत हासिल की है। इनके अलावा ओपीएस भदौरिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिंह सिसोदिया, ब्रजेंद्र सिंह यादव, डाक्टर प्रभुराम चौधरी, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव चुनाव जीत गए। यह सभी सिंधिया समर्थक हैं, जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। इनके अलावा हरदीप सिंह डंग और बिसाहूलाल सिंह भी चुनाव जीत गए हैं, यह सिंधिया गुट के नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थकों के साथ ही भाजपा में शामिल हुए थे। यह सभी दोबारा से मंत्री पद की शपथ लेंगे। इनके अलावा जो मंत्री हार गए हैं, वे संभवतः किसी निगम मंडल में एडजेस्ट किए जा सकते हैं।

 

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.