शिवसेना में घट रहा है संजय राउत का कद! पार्टी ने उठाया ये बड़ा कदम

शिवसेना ने अरविंद सावंत को भी बनाया पार्टी का मुख्य प्रवक्ता

<p>शिवसेना सांसद संजय राउत</p>
नई दिल्ली। महाराष्ट्र ( Maharashtra ) की राजनीति में भी लगातार हलचलें बढ़ रही है। अभी अमित शाह और शरद पवार की मुलाकात का मुद्दा ठंडा भी नहीं हुआ था कि महाराष्ट्र से एक और बड़ी सियासी खबर सामने आई है। दरअसल शिवसेना में दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ( Sanjay Raut ) के कद को कम करने की कोशिश की जा रही है।
ऐसा इसलिए क्योंकि शिवसेना ने अपने लोकसभा सांसद अरविंद सावंत को पार्टी का मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया है। जो इस बात का इशारा कर रहा है कि आए दिन पार्टी की ओर से बयानबाजी से बचने के लिए शिवसेना ने ये कदम उठाया है।
यह भी पढ़ेँः Assam Assembly Elections 2021: दूसरे चरण में 39 सीटों पर मतदान, इन दिग्गजों समेत 345 प्रत्याशियों की दांव पर साख

शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने प्रवक्ताओं की एक नई सूची प्रकाशित की। इस सूची में राज्यसभा सदस्य और ‘सामाना’ के कार्यकारी संपादक राउत को पिछले साल सितंबर में पार्टी का मुख्य प्रवक्ता बनाया गया था। इसके साथ ही सावंत को भी प्रवक्त नियुक्त किया गया है।
राउत के इस बयान से नाराज शिवसेना
दरअसल शिवसेना में सावंत को मुख्य प्रवक्ता बनाए जाने का फैसला उस वक्त लिया गया है जब संजय राउत ने अनिल देशमुक को लेकर बड़ा बयान दिया।

राउत ने अनिल देशमुख को लेकर हाल में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने देशमुख को ‘एक्सीडेंटल होम मिनिस्टर’ बता दिया था। यही वजह है कि शिवसेना महाअघाड़ी में किसी भी तरह की दरार से बचने के लिए राउत के पर कतर रही है।
कांग्रेस ने जताया एतराज
राउत के देशमुख को लेकर दिए बयान के बाद कांग्रेस ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने कहा कि राउत को कोई भी टिप्पणी करने से पहले सावधान रहना चाहिए।
पहले भी निशाने पर आ चुके राउत
राउत को राज्य में सहयोगी कांग्रेस से भी तब आलोचना का सामना करना पड़ा था जब उन्होंने सुझाव दिया कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभालना चाहिए।
यह भी पढ़ेंः Assam Assembly Elections 2021 बदरुद्दीन अजमल पीएम मोदी और अमित शाह को चैलेंज, पूछा इस सवाल का जवाब

ये भी है कारण
एंटीलिया प्रकरण सामने आने के बाद संजय राउत के बयानों से पार्टी का शीर्ष नेतृत्व खुश नहीं था। गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह को लेकर दिए बयान से भी गठबंधन पर असर को लेकर शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ गई थी।
आपको बता दें कि सावंत पहले पार्टी के प्रवक्ता रह चुके हैं। जब 2019 से पहले बीजेपी और शिवसेना गठबंधन में थे तो वे केंद्रीय कैबिनेट में शिवसेना के अकेले मंत्री थे।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.