2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी समाजवादी पार्टी खुद को भाजपा के विकल्प के तौर पर पेश करने में जुटी है। इसके लिए पार्टी जहां एक के बाद एक दिग्गज कांग्रेसी नेताओं को तोड़ रही है वहीं, धुआंधार प्रचार के जरिए सपा बहुजन समाज पार्टी को भाजपा की ‘बी टीम’ घोषित में जुटी है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मायावती को लेकर बसपा के बागी विधायकों की बयानबाजी भी इसी रणनीति का हिस्सा है। सपाइयों रणनीतिकारों को उम्मीद है कि पार्टी के इस अभियान से बसपा का डीएम (दलित-मुस्लिम) गठजोड़ कमजोर होगा और इसका लाभ मुस्लिमों की सपा के पक्ष में लामबंदी के रूप में मिलेगा।
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दिवाली नहीं दिवाला निकालने वाली पार्टी है भाजपा : अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी में शामिल हुए नेताओं का स्वागत करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह सभी अपने-अपने क्षेत्र के कर्मठ नेता हैं। इनके आने से 2022 में साइकिल और तेजी से दौड़ेगी। बीजेपी पर निशाना साधते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा दीपावली नहीं मनाती है, बल्कि लोगों का दिवाला निकाल देती है। नोटबंदी के बाद से भारत की अर्थव्यवस्था बिगड़ती चली जा रही है। बीजेपी सरकार लगातार झूठ बोलकर जनता को बरगला रही है। कहा कि योगी सरकार हटे तो प्रदेश की कानून-व्यवस्था ठीक होगी। सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा ने सबसे अधिक भारतीय संस्कृति और मंदिर तोड़ने का काम किया है। बीजेपी ने मां गंगा की कसम खाकर तमाम दावे किये थे, लेकिन आज गंगा की हालत किसी से छिपी नहीं है। बिहार विधानसभा चुनाव परिणाम पर अखिलेश यादव ने कहा कि टीवी चैनलों पर जैसे एग्जिट पोल दिखाए जा रहे हैं। नतीजे वैसे ही आएंगे। इस चुनाव में समाज को बांटने वालों को भाजपा बाहर की राह दिखाएगी।
पूछा- किसान किस नंबर पर करें मिस्ड कॉल?
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मिस्ड कॉल से पार्टी के सदस्य बना रही है। इसका प्रचार भी खूब किया जा रहा है। लेकिन, बीजेपी वाले यह भी बतायें कि किसान किस नंबर पर मिस कॉल करे, ताकि उसे धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और गन्ने का बकाया भुगतान मिल जाये। उन्होंने कहा कि यूपी में बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए। इसके अलावा किसान को डीजल और खाद पर भी छूट मिलनी चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मिस्ड कॉल से पार्टी के सदस्य बना रही है। इसका प्रचार भी खूब किया जा रहा है। लेकिन, बीजेपी वाले यह भी बतायें कि किसान किस नंबर पर मिस कॉल करे, ताकि उसे धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और गन्ने का बकाया भुगतान मिल जाये। उन्होंने कहा कि यूपी में बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा मुफ्त होनी चाहिए। इसके अलावा किसान को डीजल और खाद पर भी छूट मिलनी चाहिए।