शासन की ओर से अनुसूचित जाति और सामान्य वर्ग की छात्रव़ृत्ति को लेकर नियमावली में संशोधन किया गया है। इस सत्र से संशोधित नियम के तहत ही छात्रव़त्ति दी जाएगी। निजी कालेजों में अगर किसी छात्र को मैनेजमेंट कोटे के तहत प्रवेश मिलता है, उसे शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं दी मिलेगी। इसमें राज्य या राष्ट्रीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अलावा छात्र बगैर काउंसिलिंग के प्रवेश कराते हैं तो उनके भी शुल्क की प्रतिपूर्ति नहीं होगी। माना जा रहा है कि इस बदलाव से केवल छात्रव़ृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए प्रवेश लेने वाले छात्रों पर रोक लगेगी। शासन ने छात्रवृत्ति के लिए 55 फीसद अंक निर्धारित की है।
विश्वविद्यालय ने यह भी कहा है कि छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों की भी निगरानी की जाएगी। उन्हें अब मेहनत से पढ़ाई कर अच्छे नंबर लाने होंगे। छात्रवृत्ति के लिए प्रतिशत अंक निर्धारित किया गया है। वही लाना होगा अन्यथा छात्रवृत्ति नहीं दी जाएगी। यानी जो शुल्क प्रतिपूर्ति या छात्रवृत्ति पाएंगे, उन्हें गंभीरता और मेहनत से पढ़ाई करनी पड़ेगी।