भिखारी समझ पुलिस वाले देने लगे खाना लेकिन वो निकला ‘सब इंस्पेक्टर’

– सड़कों पर लावारिस घूमता पाया गया – पुलिसवालों के नाम लेकर बुलाए – पुलिस वालों का बैचमेट निकला युवक

<p>Policemen </p>

ग्वालियर। शहर से एक ऐसी तस्वीर लोगों के सामने आ रही है जो थो लोगों को थोड़ा अचंभे में डाल सकती है। जी हां ये तस्वीर एक ऐसे शख्स की है जो एक शानदार पुलिसकर्मी ही नहीं, बल्कि शार्प शूटर हुआ करता था। वह ग्वालियर के झांसी रोड इलाके में सालों से सड़कों पर लावारिस घूमता पाया गया। इस बात का पता तब चला जब वहां पर मौजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने जब मदद करनी चाही, तो उसने पुलिसवालों के नाम लेकर बुलाए, ये देख पुलिसकर्मी भी चकित रह गए, बात करने पर पता चला कि वो पुलिस वालों का ही बैचमेट रह चुका है।

नहीं ठीक थी मानसिक स्थिति

जानकारी के मुताबिक आज से 10 साल पहले एसआई मनीष मिश्रा अचूक निशाने बाज हुआ करते थे, लेकिन उनकी मानसिक स्थिति खराब होने के कारण वे आज कचरे के ढेर में दो वक्त की रोटी को तलाश रहे हैं। बताया जा रहा है कि ठंड में कचरे के ढेर में जब एक भिखारी को खाना तलाश करते देखा, तो दो पुलिस अफसर रत्नेश तोमर और विजय भदौरिया उसके पास पहुंचे।

बातचीत करने में लिए नाम

ठंड से बचने के लिए किसी ने उसे जैकेट दी, तो किसी ने जूते। जब भिखारी को पुलिसकर्मियों ने खाने के लिए उनकी गाड़ी के पास तक चलने के लिए कहा, तो उसने दोनों के नाम लेकर पुकारा। पुलिस कर्मियों ने जैसे ही अपना नाम सुना वे चकित रह गए। बातचीत करने पर पता चला कि, ये उनका बैचमेट सब इंस्पेक्टर हैं, जो 1999 में सेलेक्ट हुआ था।

पत्नी दे चुकी है तलाक

मानसिक संतुलन खराब होने की वजह से मनीष मिश्रा पिछले 10 सालों से इधर-उधर भटक रहे हैं। घर वालों ने कई बार उनका इलाज कराने की कोशिश की, लेकिन वो हमेशा अस्पताल और पुनर्वास केंद्र से गायब हो जाते हैं। इसलिए अब घर वालों ने भी उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया है। साथ ही पत्नी भी तलाक लेकर अलग हो चुकी है।

परिवार में हैं ये लोग

सब इंस्पेक्टर रहे मनीष मिश्रा करीब पांच साल तक पुलिस डिपार्टमेंट की शान रहे। उसकी गिनती ग्वालियर चंबल के शार्प शूटर सब इंस्पेक्टर में होती थी। खास बात ये है कि, उनकी पत्नी भी न्यायिक सेवा में है, जबकि उनके पिता अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बनकर रिटायर्ड हुए हैं। बड़े भाई नगर निरीक्षक हैं।

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