भारत में Coronavirus से होने वाली मौतों का आंकड़ा कब होगा 1,00,000 पार केंद्र सरकार द्वारा जारी सूचना के मुताबिक इन सड़कों के निर्माण से बिहार में विकास को बढ़ावा मिलेगा और संपर्क बेहतर होगा। इसके परिणामस्वरूप बिहार और इसके आसपास के इलाकों में अर्थिक विकास में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यह परियोजनाएं बिहार समेत झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों में लोगों और सामानों की आवाजाही को काफी सुगम बना देंगी।
गौरतलब है कि वर्ष 2015 में बिहार के बुनियादी ढांचागत विकास के लिए पीएम मोदी द्वारा विशेष पैकेज की घोषणा की गई थी। इसके अंतर्गत 54,700 करोड़ रुपये की लागत से 15 परियोजनाओं पर काम किया जाना था। इनमें से 13 परियोजनाएं पूरी भी हो चुकी हैं। जबकि 38 परियोजनाओं पर फिलहाल काम जारी है और बाकी परियोजनाएं आवंटन या नीलामी की प्रक्रिया में हैं।
सरकार के मुताबिक इन परियोजनाओं के पूर्ण हो जाने के बाद बिहार की सभी नदियों पर पुल होंगे और प्रदेश के बड़े राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण की प्रक्रिया संपन्न हो जाएगी। वहीं, इस पैकेज के अंतर्गत गंगा नदी पर पुलों की संख्या बढ़कर 17 हो जाएगी। इनकी कुल क्षमता 62 लेन की होगी। इस तरह से एक अनुमान के मुताबिक बिहार में नदियों पर प्रति 25 किलोमीटर पर एक पुल होगा।
ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट परियोजना प्रदेश के 45,945 गांवों को डिजिटल क्रांति से जोड़ने के लिए बिहार के कोने-कोने तक तेज गति की ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट सुविधा पहुंचाने की भी तैयारी है। यह परियोजना सूचना एवं तकनीकी मंत्रालय, दूरसंचार विभाग और सामान्य सेवा केंद्रों के संयुक्त प्रयास से क्रियान्वित की जाएंगी। फिलहाल बिहार में कुल 34,821 सीएससी हैं। इस परियोजना से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि बिहार के हर गांव के हर नागरिक को ऑप्टिकल फाइबर इंटरनेट की सेवाएं मिल सकें।
राज्यसभा में डॉ. हर्षवर्धन का खुलासा, इतने महीनों के भीतर देश में आ जाएगी COVID-19 Vaccine इसके साथ ही एक वाईफाई और 5 मुफ्त इंटरनेट कनेक्शन प्राथमिक स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्र, आशा कार्यकर्ता जैसे सरकारी संस्थानों जैसे को दिए जाएं। इससे ई-शिक्षा, ई-कृषि, टेलीमेडिसिन, टेली विधि सेवाओं सहित अन्य योजनाएं नागरिक से सिर्फ एक क्लिक दूर होंगी।