लेकिन तभी लॉकडाउन के एक हफ्ते के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को PM CARES FUND ( ‘Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund’ ) के गठन की घोषणा कर दी । और प्रधानमंत्री की अपील के बाद 100 करोड़ का फंड जुटाने के लक्ष्य से बनाए गए इस फंड में अब तक 3800 करोड़ रुपए से ज्यादा इकट्ठे हो चुके हैं। जनता को शिकायत इस फंड में आई रकम से नहीं बल्कि इस फंड की जरूरत से है। ( प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर पीएम केयर्स फंड की डीटेल शेयर की थी )
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PM CARES FUND की जरूरत क्या थी ?
दरअसल 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अपील पर जनता के अंशदान से पाकिस्तान से आए विस्थापित लोगों की मदद के लिए देश में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाया गया था। और देश में बाढ़, अकाल, युद्ध या ऐसी किसी संकट की घड़ी में इस फंड को इस्तेमाल किया जाता है। अगर प्रधानमंत्री चाहते तो इसी राहत कोष की डीटेल शेयर कर लोगों से इसमें अंशदान करने की अपील कर सकते थे । इसके अलावा प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष का स्थाई खाता संख्या (पैन नं.) AACTP4637Q है। ( साइबर पुलिस को बेवजह फ्रॉड केस में नहीं उलझना पड़ता )
पहली बार नहीं बना है PM CARE Fund, लेकिन इसे बनाने के हैं खास नियम
ऐसा नहीं है कि Pm Cares Fund के गठन की वजह सिर्फ देश की जनता की समझ से परे है बल्कि देश के जाने-माने कांग्रेस लीडर जयराम रमेश और इतिहास के जानकार रामचंद्र गुहा को भी इस ट्रस्ट की जरूरत समझ नहीं आ रही। गुहा ने तो सीधा पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए इसे राजनीति से प्रेरित बताया है । दोनो ट्वीट आप नीचे पढ़ सकते हैं।
तो वहीं कानून के जानकार भी न सिर्फ प्रधानमंत्री राहत कोष के होते हुए इसकी जरूरत पर सवाल उठाते हैं बल्कि इसको बनाते वक्त नियमों को ताक पर रखने की बात कहते हैं ।
इन वजहों से उठ रहे हैं चैरिटेबल ट्रस्ट Pm Cares Fund पर सवाल