केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसमें 33 पार्टियों के 40 से अधिक सदस्यों ने हिस्सा लिया। सभी सदस्यों ने अपने-अपने विचार रखे और सरकार को ये सुझाव दिए कि किन-किन विषयों पर मानसून सत्र में चर्चा होनी चाहिए। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे हर मुद्दे पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस ने की मोदी सरकार को घेरने की तैयारी, मानसून सत्र के लिए रखा फाइव प्वाइंट एजेंडा
इस सर्वदलीय बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री जोशी, केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल के अलावा राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरीभी शामिल हुए।
साथ ही बैठक में तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन, द्रमुक के तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव, बसपा के सतीष चंद्र मिश्र सहित सदन में सभी प्रमुख पार्टियों के नेता उपस्थित रहे। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में सहयोगी अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल और लोक जनशक्ति पार्टी के नेता पशुपति पारस भी सर्वदलीय बैठक में उपस्थित थे।
विपक्षी नेताओं ने दिए सुझाव
बैठक में शामिल शिरोमणी अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर ने किसान आंदोलन को गंभीरता से लेने की बात कही। उन्होंने कहा “आज सभी पार्टियों ने कहा कि किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा है और इसको हल किया जाए. सदन तब चलेगा जब लोगों के मुद्दों को हल किया जाएगा।” जानकारी के अनुसार, संसद के मानसून सत्र में 2 वित्तीय विधेयक सहित 31 विधेयक पेश किए जा सकते हैं।
किसान चलाएंगे संसद?
संसद के मानसून सत्र शुरू होने के साथ ही किसानों ने भी अपना प्रदर्शन तेज करने की चेतावनी दी है। रविवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद जाएंगे। हमने विपक्ष के लोगों से भी कहा है कि वो अपनी बात सदन में उठाएं।
वहीं, किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि दिल्ली पुलिस के साथ उनकी बात हो गई है। हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने कभी नहीं कहा कि हम संसद का घेराव करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी।
कांग्रेस का ये है फाइव प्वाइंट एजेंडा
आपको बता दें कि इससे पहले बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी की पार्लियामेंट स्ट्रेटजी ग्रुप (PSG) की अहम बैठक बुलाई थी। इस बैठक में सरकार को मानसून सत्र में घेरने के लिए चर्चा हुई और फाइव प्वाइंट एजेंडा सेट किया गया। करीब एक घंटे तक चली इस बैठक में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। संसद के मानसून सत्र में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने जो पांच एजेंडा सेट किया है उसमें..
1- पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि
2- मुद्रास्फीति (महंगाई)
3- कोविड मिसमैनेजमेंट (कोरोना संक्रमण के मामले को संभालने में सरकार की विफलता)
4- किसान आंदोलन
5- सीमा पर जारी विवाद (चीन के साथ) शामिल हैं।
इन तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों का समर्थन जुटाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे को जिम्मेदारी सौंपी है। मल्लिकार्जुन खड़गे अन्य विपक्षी दलों के साथ कोऑर्डिनेट करेंगे।
बैठक में सोनिया गांधी ने इस बात पर जोर दिया है कि विपक्षी दलों के सभी सांसद दोनों सदनों के अंदर एक साथ इन तमाम मुद्दों पर सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करें। इसके लिए उन्होंने कांग्रेस के सभी सांसदों से कहा है कि वे बाकी दलों के साथ कोऑर्डिनेट करें।
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आपको बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है जो कि 13 अगस्त तक चलेगी। मालूम हो कि संसद का मानसून सत्र कुल 26 दिनों तक चलेगा, लेकिन यदि छुट्टियों को हटा दें तो 19 दिन ही काम होगा। मोदी सरकार इस 19 दिनों में संसद के पटल पर 30 बिलों को पेश करने की तैयारी में है और इनको पास कराने की कोशिश भी करेगी। इन 30 बिलों में से 17 विधेयक नए हैं और बाकी संशोधन बिल हैं।