मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने बुधवार को दिल्ली पुलिस और ट्विटर को पत्र लिखकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर कार्रवाई की बात कही। साथ ही ट्विटर को फोटो हटाने के लिए भी कहा
Read : Breakfast Diplomasy : राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं से की अपील, संसद में विपक्ष के रूप में सभी एकजुट रहें NCPCR ने पॉस्को अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि माता-पिता की तस्वीर पोस्ट करने से रेप की शिकार हुई बच्ची की पहचान का पता चलता है, जो कानून का उल्लंघन है। आयोग ने मामले में दिल्ली पुलिस और ट्विटर दोनों से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि इसे तीन दिनों के भीतर आयोग को भेजा जाना चाहिए।
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NCPCR ने ट्विटर के शिकायत अधिकारी को एक पत्र भेजा, जिसमें कहा गया कि पीड़ित परिवार की एक तस्वीर राहुल गांधी के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की गई है, जिसमें कैप्शन दिया गया है कि वे बच्चे के पिता और मां हैं। शीर्ष बाल अधिकार निकाय ने कहा, “उक्त फोटो में, पीड़िता के पिता और मां के चेहरे देखे जा सकते हैं, जिससे लड़की की पहचान का पता चलता है।” NCPCR ने ट्विटर से कार्रवाई करने और ट्वीट को प्लेटफॉर्म से हटाने के लिए भी कहा है।