वह 30 अक्तूबर को कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे। तब उन्हें रूबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वे चार दिनों में ठीक होकर अपने घर लौट गए थे। लेकिन बाद भी एक बार फिर उनकी तबीयत बिगड़ी।
पहाड़ों पर बर्फबारी के बीच देश के इन इलाकों में कड़ाके की सर्दी को लेकर मौसम विभाग ने जारी किया सबसे बड़ा अलर्ट, इन राज्यों में बारिश के आसार इलाज के दौरान ही विधायक को निमोनिया हो गया था, जिसके बाद उनकी हालत और भी ज्यादा बिगड़ने लगी थी। डॉक्टर लगातार उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए थे लेकिन देर रात करीब 12 बजे उनका निधन हो गया।
किडनी की समस्या से थे ग्रसित बताया जा रहा है कि एनसीपी विधायक किडनी की समस्या से भी ग्रसित थे। इस कारण उनकी हालत बिगड़ती चली गई और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। आपको बता दें कि एनसीपी चीफ शरद पवार ने भी शुक्रवार को असप्ताल जाकर भरत भालके की सेहत को लेकर अपडेट ली थी।
‘जायंट किलर’ के नाम से बनाई पहचान
60 वर्षीय भारत भालके जायंट किलर के रूप में पहचाने जाते थे। उन्होंने लगातार तीन बार पंढरपुर-मंगलवेधा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीता। भालके ने सबसे पहले वर्ष 2009 में उस वक्त सभी को चौंका दिया जब उन्होंने डिप्टी सीएम रहे विजयसिंह मोहिते पाटील को पंढरपुर की सीट से हरा दिया।
60 वर्षीय भारत भालके जायंट किलर के रूप में पहचाने जाते थे। उन्होंने लगातार तीन बार पंढरपुर-मंगलवेधा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीता। भालके ने सबसे पहले वर्ष 2009 में उस वक्त सभी को चौंका दिया जब उन्होंने डिप्टी सीएम रहे विजयसिंह मोहिते पाटील को पंढरपुर की सीट से हरा दिया।
इसके बाद वर्ष 2014 में हुए चुनाव में भी भालके का जादू चला। कांग्रेस की टिकट पर भालके ने चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालांकि इसके बाद 2019 में भालके ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाना, लेकिन यहां पार्टी ने उन्हें टिकट ही नहीं दिया।
मोगादिशु में आतंकियों ने किया आत्मघाती हमला, मौके पर ही सात लोगों की मौत कई घायल ऐसे में भालके ने एनसीपी में शामिल होने का फैसला लिया और इसी सीट पर एक बार फिर अपना विजयी रथ आगे बढ़ाने में सफल रहे। भालके का निधन एनसीपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।