शिवसेना और कांग्रेस के मतभेद सामने आए, कहा-‘शरद पवार के प्रवक्‍ता बन गए हैं संजय राउत’

बीते दिनों राउत ने कहा था कि शरद पवार को यूपीए का अध्‍यक्ष बना देना चाहिए। इस पर महाराष्‍ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष नाना पटोले ने पलटवार किया है।

नई दिल्ली। महाराष्‍ट्र में शिवसेना के नेतृत्‍व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार (Mahavikas Aghadi Government) के सामने एक के बाद एक मुसीबतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इस समय मुंबई के पूर्व सीपी परमबीर सिंह के मामले ने उद्धव ठाकरे सरकार को कटघरे में ला दिया है।
इस बीच गठबंधन में शामिल कांग्रेस के साथ शिवसेना के मतभेद भी सामने आ रहे हैं। कांग्रेस ने अपने सहयोगियों शिवसेना और एनसीपी पर ही हमला बोला है।

पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब शनिवार को महाराष्‍ट्र कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष नाना पटोले ने शिवसेना के सांसद संजय राउत को एनसीपी मुखिया शरद पवार का प्रवक्‍ता बता दिया। बीते दिनों राउत ने कहा था कि शरद पवार को यूपीए का अध्‍यक्ष बना देना चाहिए।
ये भी पढ़ें: West Bengal Assembly Elections 2021: ममता ने पीएम मोदी पर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का लगाया आरोप

फिलहाल सोनिया गांधी यूपीए की अध्‍यक्ष हैं। इस पर पटोले का कहना है कि शिवसेना यूपीए का हिस्‍सा नहीं है। ऐसे में संजय राउत को इस तरह का बयान देने का अधिकार नहीं है। पटोले ने इस मामले को लेकर सीएम उद्धव ठाकरे से मिलकर बात भी कही है। उन्‍होंने कहा कि वे अपने नेतृत्‍व को लेकर ऐसे किसी बयान को नहीं स्‍वीकार करेंगे।
मजबूत होगा देश का विपक्ष: संजय राउत

गौरतलब है कि बीते दिनों दिल्‍ली में संजय राउत ने शरद पवार को यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस का अध्‍यक्ष बनाने की सलाह दी थी। उन्‍होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि अगर आप देश में विपक्ष को मजबूत करना चाहते है तो शरद पवार जैसे नेता को यूपीए का अध्‍यक्ष बनाया जाना चाहिए। उनके नेतृत्व सभी को स्‍वीकार्य है। राउत के अनुसार देश में ऐसे कई दल हैं जो न तो यूपीए में शामिल हैं और न ही एनडीए में। इन सभी दलों को यूपीए में शामिल करना चाहिए।
टीम का 16वां खिलाड़ी मांग कर रहा है किसे कप्तान होना चाहिए :फडणवीस

इन सबके बीच, विपक्षी दल भाजपा ने कांग्रेस और शिवसेना के बीच की इस जुबानी लड़ाई को कैट फाइट बता दिया है। महाराष्‍ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के अनुसार टीम का 16वां खिलाड़ी मांग कर रहा है कि किसे कप्तान होना चाहिए। जो टीम से बाहर होता है, उसकी ऐसी किसी मांग का कोई मतलब ही नहीं है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.