प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाए, तय किया स्टॉक लिमिट
जनादेश को गिराकर बिना विधायक बने कई तो मंत्री बन बैठे
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, जिस सरकार को जनता ने जनादेश दिया था उसे किस तरह से गिरा दिया गया और ऐसा पहली बार हुआ है देश के इतिहास में पहली बार हुआ कि बिना विधानसभा के सदस्य रहते हुई कई विधायक मंत्री बने बैठे थे। छह महीने पहले कुछ ने इस्तीफा दिया। दो ने अभी फिर से इस्तीफा दिया। जनता अब समझ गई है किसी थोपे हुए निर्णय को बर्दाश्त नहीं करती है वह मध्यप्रदेश में दिखाई पड़ रहा है।
जो 15 साल का हिसाब नहीं देते, वो 15 माह का हिसाब मांग रहे
हद तो तब हो गई जब मप्र में सरकार बनाने के लिए कोरोना काल में फिर झोंक दिया गया। उन्होंने कहा, 15 साल शिवराज सिंह सत्ता में रहे और वे उसका हिसाब तो देते नहीं है, कांग्रेस से 15 महीने का हिसाब मांग रहे हैं। लेकिन जनता पूछ रही है कि हमने तो आपको आदेश दिया नहीं था फिर आप मुख्यमंत्री कैसे बन गए। कांग्रेस के वचन पत्र के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, पहले भाजपा बताए कि नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन और 21 दिन में कोविड-19 को समाप्त करने वाले थे, 50 दिन में देश की अर्थव्यवस्था सुधारने वाले थे उसका क्या हुआ।
सभा की अनुमति नहीं मिली, बोले-कांग्रेस से भाजपा डर गई
मुख्यमंत्री बघेल ग्वालियर और चंबल में सभा के लिए में थे, लेकिन उनको सभा की अनुमति नहीं मिली, इस पर उन्होंने कहा, भाजपा के लोग नहीं चाहते है कि कांगे्रस के नेता यहां चुनाव प्रचार करें। इतना डरे सहमे है लोग कि कार्यक्रम भी नहीं होना देना चाहते हैं। मप्र की जनता जानती है कि क्यों रोका जा रहा है, लेकिन मप्र में कांग्रेस को आने से न तो शिवराज और न ही ज्योतिरादित्य सिंधिया रोक सकते हैं। केन्द्र सरकार के कृषि अध्यादेश पर उन्होंने कहा, ये देश के किसानों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए बने हैं।