जेसी बैंक चुनाव में निदेशक के दो पद के लिए 14 प्रत्याशी मैदान में थे। सुबह 11 बजे जब मतगणना शुरू हुई तो सबसे पहले तो प्रत्याशी सुरेंद्रसिंह राव का मतगणना प्रवेश स्थल पर कर्मचारियों द्वारा अंदर नहीं जाने देने पर विवाद हो गया। राव का कहना था कि वे प्रत्याशी है तो उनको इसका अधिकार है, जबकि कर्मचारी नियम बता रहे थे। शुरू में कुल वोट को एक करके मिलाया गया व इसके बाद उनके दो दो हजार के बंडल बनाए गए। इसके बाद मतगणना शाम करीब ३ बजे जाकर शुरू की गई। शाम को 5 बजे तक कुल 1625 वोट की व शाम 6 बजे तक 2500 वोट की गिनती हुई थी। इसमे भी कांटाकस मुकाबले में वाजिद खान 20 वोट से तो नीलमकौर 172 वोट से आगे थी।
शाम को ६ बजे बाद वोट गिनने के लिए टेबलों को बढ़ाया गया। इनकी संख्या बढ़ाकर २ से पहले 4 व बाद में 7 की गई। असल में रेलवे प्रशासन के पास वोट गिनने के लिए दक्ष कर्मचारियों की कमी के चलते शुरुआत में टेबले कम लगाई गई थी। चुनाव परिणाम जानने के लिए दिनभर बड़ी संख्या में संगठन समर्थक कर्मचारी डीआरएम कार्यालय के बाहर खड़े रहे। यहां तक की प्रत्याशी रंजीता वैष्णव, सुनील चतुर्वेदी, नीलम कौर संगठन कार्यालय में जानकारी लेती रही। मजदूर संघ के प्रत्याशी वाजिद खान डीआरएम कार्यालय में दिनभर खड़े रहे व समर्थकों से मिलते रहे। इधर मजदूर संघ कार्यालय में मंडल मंत्री बीके गर्ग व यूनियन कार्यालय में मंडल मंत्री मनोहर बारठ कर्मचारियों को चुनावी अपडेट देते रहे। मतगणना स्थल पर बाहर खड़े यूनियन के हरीश चांदवानी जब मतगणना स्थल के अंदर गए तो मजदूर संघ कार्यकर्ता नाराज हो गए, बाद में उनको बताया गया कि चांदवानी निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में लड़ रहे अशोक तिवारी की तरफ से अंदर भेजे गए है। इसके बाद मामला शांत हुआ।