स्नान से पहले बाबा को चंदन का उबटन लगाया गया। चूंकि कार्तिक मास की चौदस से सर्दियों की शुरुआत मानी जाती है, इसलिए ठंड से बचने के लिए बाबा महाकाल को गर्म जल से स्नान कराने की परंपरा है। अब आने वाली महाशिवरात्रि तक बाबा को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा।
मनाई गई दीपावली
14 नवंबर को महाकाल राजा के दरबार में अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। सुबह 4 बजे होने वाली भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल को 56 पकवानों का महाभोग लगाया गया। साथ ही यहां परंपरानुसार हर त्योहार की शुरुआत सबसे पहले होती है, इसी कड़ी में दीपोत्सव की शुरुआत की जाती है।
इस साल केवल 21 पुरोहितों ने ही मिलकर पूजन अभिषेक किया। हर साल इस अवसर पर कलेक्टर, प्रशासक, सहायक प्रशासनिक अधिकारी और आम लोगों की मौजूदगी में पूजा की जाती थी लेकिन कोरोना की गाइड लाइन का पालन करते हुए पूजन के समय इस वर्ष आम जनों के दर्शन पर प्रतिबंध था। सरकारी अधिकारियों को भी निमंत्रण नहीं दिया गया था।