Farooq Abdullah ने की भारत-चीन के बीच दोस्ती की वकालत, कहा – यह दोनों की तरक्की के लिए जरूरी

चार माह में फारूक अब्दुल्ला का बदला मिजाज।
भारत-चीन के बीच दोस्ती की पैरवी की।

<p>दोनों की तरक्की के लिए दोस्ती जरूरी। </p>
नई दिल्ली। चार माह पूर्व जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ( Farooq Abdullah ) ने चीन प्रेम का राग अलापा था। लेकिन अब उनका मिजाज बदल गया है। भारत चीन सीमा विवाद को लेकर अपने ताजा बयान में उन्होंने कहा है कि यह बड़ा मसला है।
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सीमा तय करना पड़ेगा

इस मसले में बातचीत के जरिए मामला आगे बढ़ा है। बातचीत फिर से शुरू होगी। दोनों देशों के बीच सीमा निर्धारित नहीं है। दोनों को बैठकर सीमा को तय करना पड़ेगा। यह मसला खत्म हो जाए तो दोनों देश के लोग खुश रहेंगे। दोनों ताकतवर देश हैं। इसलिए दोनों की दोस्ती में तरक्की भी निहित है।
फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान से भी बात करने की अपील की है। ताकि चीन से बात कर जैसे सीमा विवाद का रास्ता निकला है, उसी तरह पाकिस्तान भी वैकल्कि उपायों समस्या का समाधान निकालने के लिए विचार करे।
बता दें कि अक्टूबर, 2020 में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला का चीन को लेकर प्यार उमड़ आया था। पाकिस्तान की पैरवी तो फारूक करते ही रहे हैं। लेकिन 2020 में उन्होंने 370 हटाने के लिए चीन से मदद की गुहार लगाई थी।
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