पीठ पर लादकर मरीजों को वार्ड तक पहुंचाया
मामला जबलपुर का है जहां मंगलवार की सुबह घुघरी गांव के पास हुए सड़क हादसे में 27 मजदूर घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब एक तेज रफ्तार लोडिंग वाहन अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। गाड़ी में 36 लोग सवार थे जिनमें से 27 लोग घायल हुए। घटना की खबर लगते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास शुरु किया। इस पुलिस टीम में एएसआई संतोष सेन भी थे जो हादसे के घायलों को एंबुलेंस और अन्य वाहनों से जबलपुर मेडिकल अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर एएसआई संतोष सेन ने घायल मजदूरों को अपनी पीठ पर लादकर वार्ड तक पहुंचाया। एएसआई संतोष सेन का एक हाथ कुछ साल पहले एनकाउंटर के दौरान खराब हो चुका है इसके बावजूद जनसेवा का जो जज्बा उन्होंने दिखाया उसे देखकर आसपास के लोगों को भी प्रेरणा मिली और वो एएसआई संतोष सेन की जमकर तारीफ करते नजर आए।
एनकाउंटर में खराब हुआ था हाथ
57 साल के एएसआई संतोष सेन के जनसेवा के जज्बे की हर तरफ तारीफ हो रही है। एएसआई संतोष सेन 22 जुलाई 2006 को नरसिंहपुर में गुंडे पवन यादव का एनकाउंटर करते वक्त घायल हो गए थे। उनका दाहिना हाथ बुरी तरह फ्रेक्चर हुआ था और कुछ दिन बाद स्वस्थ्य होने के बाद भी वो दाहिने हाथ से लिख तक नहीं पाते थेष इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और दाहिने की जगह बांए हाथ से लिखना शुरु कर दिया। अब जब हाथ खराब होने के बाद उन्होंने घायलों का दर्द समझते हुए पीठ पर लादकर वार्ड तक पहुंचाया तो हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने के कारण महाकौशल के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले मेडिकल की व्यवस्थाओं की पोल भी खुल गई है।
हादसे में 27 घायल, 10 की हालत गंभीर
वहीं सड़क हादसे मे घायल 27 मजदूरों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उनका इलाज किया जा रहा है। घायलों में से 10 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। हादसे के बाद से लोडिंग वाहन का ड्राइवर और क्लीनर दोनों ही फरार हो गए हैं जिनकी तलाश भी पुलिस कर रही है।