बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल समेत जी-23 के कई नेताओं ने CWC की बैठक बुलाने की मांग की थी। हालांकि इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और दिग्विजय सिंह समेत पांच नेता मौजूद नहीं थे।
यह भी पढ़ेँः सिंघु बॉर्डर पर शख्स की हत्या के बाद बोले राकेश टिकैत, पुलिस करे कार्रवाई, आंदोलन पर नहीं होगा असर कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में सोनिया गांधी काफी नाराज नजर आईं। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में स्थायी अध्यक्ष की मांग कर रहे जी-23 नेताओं को फटकार लगाई। सोनिया ने इस दौरान कहा कि फिलहाल मैं ही पार्टी की स्थायी अध्यक्ष हूं।
इशारों में उन्होंने कहा कि किसी को भी मीडिया के माध्यम से मुझ तक बात पहुंचाने की जरूरत नहीं है। बेहतर होगा कि खुद मुझसे बात करें। सोनिया ने बैठक में संदेश दिया कि आपसी मनमुटाव को दूर करेंगे तभी आगामी विधानसभा चुनाव में हम बेहतर परिणाम दे सकेंगे।
बैठक में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के सुर भी बदले नजर आए। उन्होंने कहा कि हमें सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है। उनके नेतृत्व पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। जबकि, इससे पहले गुलाब नबी आजाद और कपिल सिब्बल उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाने और स्थायी अध्यक्ष चुनने की मांग की थी।
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने तो यहां तक कह दिया था कि पार्टी का कोई अध्यक्ष नहीं हैं। फैसले कौन ले रहा है, मालूम नहीं है। बीजेपी पर सोनिया ने साधा निशाना
सोनिया गांधी ने बैठक में मोदी सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बीजेपी की मानसिकता को दिखाती है कि वो किस तरह किसान आंदोलन को देखती है।
सोनिया गांधी ने बैठक में मोदी सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना बीजेपी की मानसिकता को दिखाती है कि वो किस तरह किसान आंदोलन को देखती है।
तीनों कृषि कानून को निरस्त करने के लिए महीनों से किसान सड़क पर संघर्ष कर रहा है, लेकिन अहंकारी सरकार को उसकी चिंता नहीं है। सोनिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर दो साल से केंद्र शासित प्रदेश रहा है, लेकिन यहां हो रहे आतंकवादी हमले के लिए पूरी तरह से केंद्र सरकार जिम्मेदार है।