एएसपी जितेंद्र पंवार ने बताया कि गोली लगने से धर्मेंद्र पिता रुपसिंह (40)और गोवर्धन (28) निवासी आलीबुजुर्ग घायल हुए हैं। जिन्हें आनन-फानन में सनावद अस्पताल लाया गया। जहां से खरगोन रेफर किया गया। धर्मेंद्र मामा और गोवर्धन उसका भांजा है। दोनों पर यह हमला गांव के रहने वाले विनोद पिता सुखराम और अमर पिता सुखराम ने किया। दोनों ने कट्टे की मदद से धर्मेंद्र और गोवर्धन को गोली मारी और उसके बाद मौके से भागने लगे। जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया।
घटना की सूचना मिलने पर सनावद टीआई ललितसिंह डांगुर दल-बल के साथ अस्पताल पहुंचे और घायलों के बयान लिए। धर्मेंद्र ने बताया कि आरोपी विनोद और अमर पिता सुखराम ने पुरानी रंजिश के चलते हम पर अचानक हमला कर दिया। दोनों को कंधे के पास गोली लगी। जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद खरगोन रेफर किया गया।
दस साल से मन मेंं सुलग रही थी बदले की आग
आरोपियों ने यह हमला पिता की मौत का बदला लेने के लिए किया। जानकारी के अनुसार 2011 में विनोद और अमर के पिता सुखराम और धर्मेंद्र के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। धर्मेंद्र के धक्का देने पर सुखराम की मौत हो गई थी। पुलिस ने धर्मेंद्र सहित छह लोगों को आरोपी बनाते हुए हत्या का मामला दर्ज किया था। लॉक डाउन में धर्मेंद्र पेरोल पर जेल से छूटकर घर आ गया था। वहीं विनोद और अमर के मन में पिता की मौत का बदला लेने की आग सुलग रही थी। दोनों इसी ंइंतजार में थे कि वह पिता की मौत का बदला कब लेंगे। शुक्रवार को जैसे ही दोनों को मौका मिला, उन्होंने हमला कर दिया।
बाइक पर बैठकर आए और मारी गोली
धर्मेंद्र के यहां शादी होने पर वह भांजे के साथ सुबह घर से काम के सिलसिले में निकल थे। यह बात आरोपियों को पता थी। गांव के रास्ते (गोया) में सामने से ट्रैक्टर आ गए। जिसके चलते धर्मेंद्र को अपनी बाइक रोकना पड़ी। तभी बाइक पर बैठकर विनोद और अमर आए। दोनों के हाथ में देशी कट्टे थे। गोवर्धन ने उन्हें देख लिया और वह मामा से कहने लगा कि भागो। क्योंकि विनोद और अमर के हाथ में पिस्टल है। दोनों मार डालेंगे।