कोरोना वायरस: सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा— केंद्र ने अपनी क्षमाताओं का पूरा इस्तेमाल नहीं किया

130 करोड़ लोगों में सिर्फ 15,071 लोगों की ही जांच क्यों?
छोटे एवं मझोले कारोबारियों और किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा करे सरकार
कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने की सख्त जरूरत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस ( Coronavirus ) को लेकर दुनिया भर में हड़कंप की स्थिति है। भारत में आज पीएम मोदी ( pm modi ) की अपील पर जनता कर्फ्यू ( Janta Curfew ) लगा हुआ है। देशभर के लोगों ने जनता कर्फ्यू का दिल खोलकर समर्थन किया है। इस बीच कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ( Soniya Gandhi ) ने केंद्र की मोदी सरकार सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मोदी सरकार पर कोरोना वायरस से निपटने में कारगर कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया हैे।
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सोनिया गांधी ने कहा कि 130 करोड़ लोगों के देश में अब तक सिर्फ 15,071 लोगों की ही जांच हो पाई है। जबकि सरकार को पर्याप्त समय, अन्य देशों से शुरुआती चेतावनियों और सबक मिलने के बावजूद अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल नहीं कियां। केंद्र सरकार को निगरानी में रखे गए सभी लोगों की जांच करनी चाहिए। जांच का दायरा उन सभी लोगों तक ले जाना चाहिए जो कोरोना वायरस से संक्रमित पाए लोगों के सीधे संपर्क में आए हैं।
कांग्रेस ( Congress ) प्रमुख ने कहा कि इस काम के लिए अलग से मेडिकल टीम बनाने की जरूरत है। मेडिकल टीम को सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराना होगा। सरकार के प्रयास में इस बात की कमी दिख रही है। इसके लिए अलग से एक पोर्टल बनाने की जरूरत है।
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सोनिया गांधी ने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए अलग से बजट तय करने की भी जरूरत है। कोरोना वायरस का छोटे एवं मझोले कारोबारियों, मजदूरों और किसारों पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को इनके लिए राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम कारोबारी काफी मुश्किल में हैं। असाधारण समय में असाधारण कदमों की जरूरत होती है।
उन्होंने मोदी सरकार से क्षेत्रवार राहत पैकेज ( Relief Fund ) की घोषणा करने की मांग की है। सरकार से कारोबारियों के लिए कर अदाएगी के समय को आगे बढाने, ब्याज और देनदारियों में राहत देना को कहा है। उन्होंने कहा कि दिहाड़ी मजदूरों और मनरेगा कामगारों को भी सरकार को वित्तीय राहत देनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वेतनभोगी वर्ग के लिए सरकार को ईएमआई की समय सीमा को आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। इसके साथ ही मास्क, सैनिटाइजर, खाने-पीने की वस्तुओं की बाजार में सुचारू ढंग से आपूर्ति बनाई रखी जाए।
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