Coronavirus: कांग्रेस ने मोदी सरकार के आपदा प्रबंधन को बताया नाकाफी, केंद्र के सामने रखी ये 10 बड़ी मांगें

84 हजार लोगों के लिए उपलब्ध है केवल एक बेड
अभी तक बेड का इंतजाम न होना सरकार की विफलता
कोरोना कमांडोज को पूरी किट मुहैया कराए सरकार

नई दिल्ली। जनता कर्फ्यू का देशवासियों द्वारा पालन का स्वागत करने के बाद कांग्रेस मोदी सरकार के खिलाफ कोरोना संकट को लेकर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मोदी से अब कोरोना से निपटने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा हैे। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार कोरोना मरीज़ों के लिए आइसोलेशन बेड का इंतज़ाम करे। ताकि देश के लोग केवल ताली ही न बजाएं बल्कि उनका इलाज भी हो सके और संक्रमण भी न फैले।

सुरजेवाला ने अभी तक हर 84 हजार देशवासियों पर केवल एक आइसोलेशन बेड उपलब्ध होने को सरकार की नाकामी करार दिया है।
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हालांकि कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने इस बात को स्वीकार किया है कि वायरस के बढ़े खतरे को देखते हुए भारत में कड़े कदम उठाए गए हैं। लेकिन अभी तक जो कदम उठाए गए हैं को कोरोना के विकारा रूप को देखते हुए नाकाफी हैं। इसलिए उन्होंने पहले जनता कर्फ्यू और अब लॉकडाउन के बीच सरकार से सोशल मीडिया के माध्यम से इन मांगों पर अमल करने को कहा है।
मोदी सरकार से कांग्रेस की 10 बड़ी मांगें:

1. सरकार स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए उन्हें पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्विपमेंट्स जैसे- N95 मास्क, ग्लव, फेस शील्ड, गॉगल्स, हैंड कवर्स, रबर बूट्स, डिस्पोज़ेबल गाउंस दे। ताकि कोरोना कमांडोज खुद को वायरस के संक्रमण से बचा सकें
2. कांग्रेस को अपने डॉक्टर्स, नर्स और सपोर्टिंग स्टाफ पर गर्व है। आपदा की इस घड़ी में कोरोना वायरस से लड़ते हुए जान जोखिम में डालने पर उन्हें विशेष फाइनेंशल लाभ दिया जाना चाहिए। सरकार फौरन इसकी घोषणा करे।
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3. केंद्र सरकार कोरोना वायरस के मरीज़ों के लिए वेंटिलेटर का इंतज़ाम करे। 130 करोड़ की आबादी के लिए केवल 30 हजार वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। लगभग 95 फीसदी वेंटिलेटर पहले से ही और बीमारियों से ग्रस्त मरीज़ों के इस्तेमाल में हैं।
4. सरकार कोरोना वायरस के मरीज़ों के लिए आइसोलेशन बेड का इंतज़ाम करे। ताकि इलाज भी हो और संक्रमण भी न फैले। देश भर हर 84 हजार देशवासियों पर केवल एक आइसोलेशन बेड उपलब्ध है। बेड की कमी को उन्होंने सरकार की नाकामी करार दिया है।
5. कोरोना वायरस की जांच का दायरा सरकार बढ़ाए। अभी तक केवल 16,109 मामलों में ही सैंपलों की जांच की गई है। साथ ही कोरोना संक्रमित लोगों को निगरानी में रखे और उनके संपर्क में आए सभी लोगों की जांच होनी चाहिए।
6. देशभर में जो हैंड सैनिटाईज़र्स, फेस मास्क और लिक्विड सोप की कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है, उन पर कड़ी कार्रवाई हों। आपदा के समय सब्जियों, दाल, आलू, प्याज़ आदि के रोज रेट बढ़ाने वालों पर कार्रवाई हो।
7. लाखों दिहाड़ी मजदूरों के लिए मनरेगा मज़दूरों, एडहॉक-अस्थायी कर्मचारियों, श्रमिकों, किसानों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को संकट की इस घड़ी में सरकार नकद आर्थिक मदद दे।

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8. कोरोना के चलते सर्वाधिक रोज़गार देने वाले क्षेत्र यानी कृषि क्षेत्र पर भी भारी मार पड़ी है। बेमौसम की बारिश और ओलावृष्टि ने खेती पर संकट पैदा कर दिया। सरकार को कृषि क्षेत्र के लिए विशेष राहत पैकेज देना चाहिए।
9. छोटे दुकानदार व कारोबारी खासकर एमएसएमई को कोरोना वायरस की वजह से भारी नुक़सान हुआ है। इनको सरकार को विशेष राहत पैकेज देना चाहिए। उन्हें आवश्यक टैक्स ब्रेक, ब्याज माफी व देनदारियों पर छूट देनी चाहिए।
10. मध्यमवर्गीय और वेतनभोगी वर्ग के लोगों के समक्ष मासिक EMI अधिकतर सुविधाओं का रास्ता है। ऐसे में सरकार को ईएमआई स्थगित करनी चाहिए।

बता दें कि कोरोना वायरस ने भारत समेत पूरी दुनिया को पूरी तरह से चपेट में ले लिया है। विश्वभर में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3 तीन लाख से ज्यादा हो चुकी है। 14 हजार 336 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। देश में अब तक कोरोना वायरस के 390 से ज्यादा मामले पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें 7 लोगों की मौत हो चुकी है।

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