Congress में नहीं थम रहा चिट्ठी विवाद, सामने आई Vivek Tankha की सफाई

Congress में उठा चिट्ठी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है
Congress Senior Leader Vivek Tankha ने बताया चिट्ठी लिखे जाने का मकसद
बोले- किसी चुनौती देना नहीं बल्कि पार्टी मजबूत बनाना था उद्देश्य

<p>कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विवेक तन्खा</p>
नई दिल्ली। शीर्ष नेतृत्व की तलाश में जुटी कांग्रेस ( Congress ) के लिए वर्किंग कमेटी ( CWC Meeting ) की मीटिंग किसी बुरे सपने की तरह साबित हुई है। बैठक में चिट्ठी ( Letter ) को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi )को लिखी चिट्ठी के बाद उन नेताओं की मंशा पर ही सवाल उठने लगे हैं। यही नहीं बैठक में इन नेताओं को बीजेपी ( BJP ) के इशारे पर काम करने आरोप लगा दिया गया। इसके बाद कांग्रेस दो फाड़ हो गए।
खास बात यह है कि चिट्ठी को लेकर उठे विवादों पर अब तक प्रतिक्रियाएं और सफाई सामने आ रही है। पहले राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) ने बयान को लेकर सफाई दी। फिर गुलाम नबी आजाद ( Ghulam Nabi Azad ) और कपिल सिब्बल ( Kapil Sibal ) ने अब चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शुमार विवेक तन्खा ( Vivek Tankha ) ने भी अपनी सफाई दी है।
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कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी ट्वीट करके इस चिट्ठी का बचाव किया है। विवेक तन्खा ने ट्वीट कर लिखा कि दोस्तों हम बागी नहीं हैं बल्कि बदलाव के वाहक हैं।
तन्खा ने लिखा कि- यह चिट्ठी पार्टी में नेतृत्व को चुनौती देने के लिए नहीं बल्कि पार्टी को मजबूत करने की कोशिश है। उन्होंने यह भी कहा कि- यह सार्वभौमिक सत्य है कि जो सबसे बेहतर है उसका बचाव जरूरी है फिर चाहे वह कोर्ट हो या फिर सार्वजनिक मामले। इतिहास बहादुरों को स्वीकार करता है डरपोक को नहीं।
अपनी इस सफाई में विवेक तन्खा ने साफ कहा कि चिट्ठी लिखने का मकसद किसी चुनौती देना नहीं था बल्कि नेतृत्व को मजबूत बनाने की तरफ एक कदम था। अब पार्टी विवेक तन्खा के तर्क से कितना संतुष्ट होती है ये कहना फिलहाल मुश्किल होगा।
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आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मुकुल वासनिक, विवेक तन्खा समेत करीब 23 नेताओं ने अगस्त के पहले हफ्ते में एक चिट्ठी लिखी थी।
यह चिट्ठी सोनिया गांधी के नाम लिखी गई थी, इसमे सोनिया गांधी से पार्टी में ऊपर से लेकर निचले स्तर तक नेतृत्व में जरूरी बदलाव की मांग की गई थी।
हालांकि इस चिट्ठी के मीडिया में सामने आने और इसके समय को चुनने को लेकर कांग्रेस में जमकर बवाल मचा है। बताया जा रहा है कि ये बवाल जल्दी थमने वाला नहीं है।
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