बिहार: 15 नवंबर को होगी NDA विधायकों की बैठक, नीतीश को चुना जाएगा नेता!

बिहार में विधानसभा चुनाव का परिणाम घोषित होने के बाद राज्य में नई सरकार बनाने की कवायद तेज
रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायक दल की संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा

<p>बिहार: 15 नवंबर को होगी NDA विधायकों की बैठक, नीतीश को चुना जाएगा नेता!</p>

नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव ( bihar assembly election ) का परिणाम घोषित होने के बाद राज्य में नई सरकार बनाने की कवायद तेज हो गई है। इस क्रम में रविवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के विधायक दल की संयुक्त बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को गठबंधन का नेता चुना जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को नीतीश कुमार के आवास पर NDA की बैठक में हुई। इस बैठक में NDA के घटक दलों भारतीय जनता पार्टी ( BJP ), जेडीयू, हम और वीआईपी के नेताओं ने भाग लिया। बैठक खत्म होने के बाद JDU प्रमुख नीतीश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 नवंबर यानी रविवार को दोपहर 12:30 बजे NDA विधायक दल की एक बैठक का आयोजन किया जाएगा। जिसमें आगे नई सरकार के गठन के लिए आगे का रास्ता तय किया जाएगा।

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नीतीश कुमार ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा

गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार शाम को राज्यपाल फागू चौहान से मिलने राजभवन पहुंचे। नीतीश कुमार ने राज्यपाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा सौंपा। इसके साथ ही उन्होंने राज्यपाल से मंत्रिमंडल को भंग करने की सिफारिश भी की है। बिहार विधानसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बार राज्य में राजनीतिक हलचल तेज गई है। सियासी दलों और नेताओं के बीच बैठकों का दौर जारी है, वहीं विपक्षी पार्टियां सत्ता पक्ष पर जमकर हमला बोल रही हैं। भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने बिहार में सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है।

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भाजपा ने 74 सीटों पर जीत हासिल की

आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा ने अपेक्षा से अधिक अच्छा प्रदर्शन किया है। भाजपा ने यहां 74 सीटों पर जीत हासिल की है। जबकि जेडीयू को केवल 43 सीटें ही हासिल हो पाई हैं। इससे पहले बिहार में जेडीयू की हैसियत भाजपा के बड़े भाई की रही है। यही वजह है कि भाजपा बिहार में नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करती है। लेकिन इस बार बदले सियासी समीकरणों के बीच भाजपा जेडीयू को पीछे छोड़ अचानक बड़े भाई की भूमिका में आ गई है। हालांकि इससे नीतीश कुमार की ताजपोशी पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। क्योंकि भाजपा पहले ही यह साफ कर चुकी है कि बिहार में भले से ही चाहे भाजपा की सीटें जेडीयू से ज्यादा आएं, लेकिन मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार ही होंगे।

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