Bihar: सीएम नीतीश ने फिर की जातीय जनगणना की मांग, कहा- केंद्र SC-ST के साथ OBC का भी करे गिनती

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से जातीय जनगणना की मांग दोहराई है। नीतीश ने कहा कि निश्चित रूप से देश में एक बार जातिगत जनगणना होनी चाहिए। एससी-एसटी (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की भी गणना की जानी चाहिए।

<p>Bihar: CM Nitish Kumar Aagain Demanded Caste Census, Said- Center Should Census OBC Along With SC-ST</p>

पटना। देश में जातिगत समीकरण के आधार पर राजनीति करना दशकों से सियासी पार्टियों के लिए एक बहुत बड़ा हथियार रहा है। ऐसे में सियासी दलों के लिए ये जानना बहुत ही जरूरी हो जाता है कि किस जाति के लोग किस इलाके में सबसे अधिक हैं और किसका प्रभाव कौन से क्षेत्र में अधिक है।

वहीं, इसका एक दूसरा पक्ष ये भी है कि जाति के आधार पर उनकी वास्तविक संख्या का पता होने पर उनतक अधिक से अधिक विकास कार्यों को पहुंचाने में मदद मिलती है। चूंकि आज भी भारत में कई ऐसी जातियां हैं जो बहुत पिछड़ी हुई है।

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बिहार विधानसभा में पारित हुआ जाति आधारित जनगणना कराने का प्रस्ताव

इन सबके बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर से जातिय जनगणना की मांग दोहराई है। नीतीश ने कहा कि निश्चित रूप से देश में एक बार जातिगत जनगणना होनी चाहिए। एससी-एसटी (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) के अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की भी गणना की जानी चाहिए। यदि इनकी वास्तविक संख्या की जानकारी सरकार के पास होगी, तो सभी के विकास के कार्यक्रम बनाने में सहायता मिलेगी।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हम केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि देश में एक बार जातिगत जनगणना कराई जाए। बता दें कि नीतीश कुमार शनिवार को सीएनजी बसों को रवाना करने के बाद मीडिया से बात करते हुए ये बातें कही। इसके बाद एक ट्वीट करते हुए उन्होंने अपनी बात रखी।

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केंद्र सरकार जातीय जनगणना पर करे पुनर्विचार: नीतीश

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ट्वीट करते हुए लिखा ”हम लोगों का मानना है कि जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। बिहार विधान मंडल ने दिनांक-18.02.19 एवं पुनः बिहार विधान सभा ने दिनांक-27.02.20 को सर्वसम्मति से इस आशय का प्रस्ताव पारित किया था तथा इसेे केन्द्र सरकार को भेजा गया था। केन्द्र सरकार को इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए।”

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सीएम नीतीश के अलावा जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष और बिहार विधान परिषद के सदस्य प्रो. गुलाम गौस ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह जातीय जनणगना की उपेक्षा न करें। इससे देश में एक गलत संदेश जाएगा। पिछड़ी जातियों में एक भ्रम की स्थिति पैदा होगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को कांग्रेस सरकार की तरह गलती नहीं दोहरानी चाहिए। गुलाम गौस ने कहा- ये आश्चर्य की बात है कि हमारे देश में किन्नरों की गिनती हो सकती है, तो फिर पिछड़ी जातियों का क्यों नहीं हो सकता है?

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तेजस्वी ने नीतीश और केंद्र पर साधा निशाना

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने भी जातीय जनगणना की मांग का समर्थन किया। लेकिन उन्होंने नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सवालिया लहजे में कहा कि जातीय जनगणना पर केंद्र सरकार अगर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार में आपकी भी हिस्सेदारी है।

नीतीश के ट्वीट के जवाब में तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा, “मुख्यमंत्री जी, केंद्र सरकार अगर जातीय जनगणना पर पुनर्विचार नहीं करेगी तो आप क्या करेंगे? हमारी मांग पर बिहार विाानसभा में सर्वसम्मति से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पारित किया गया था।” उन्होंने आगे लिखा, “केंद्र सरकार में आपकी हिस्सेदारी है। आपके कैबिनेट मंत्री हैं फिर भी अनुनय विनय कर रहे हैं?”

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तेजस्वी यादव ने भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पता नहीं भाजपा को पिछड़े और अतिपिछड़े वर्गों से इतनी नफ़रत क्यों है? उन्होंने कहा कि जब तक पिछड़े वर्गों की वास्तविक संख्या का पता नहीं चलेगा तब तक उनके फायदे की योजनाएं कैसे बनेगी?

तेजस्वी ने कहा कि बिहार के दोनों सदनों में भाजपा जातीय जनगणना का समर्थन करती है लेकिन संसद में बिहार के ही कठपुतली मात्र पिछड़े वर्ग के राज्यमंत्री से जातीय जनगणना नहीं कराने का एलान कराती है। उन्होंने पूछा कि आखिर केंद्र सरकार ओबीसी की जनगणना क्यों नहीं कराना चाहती है?

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