बेंगलूरू: पार्किंग की जगह नहीं है तो भूल जाइए कार का सपना

ट्रैफिक जाम की वजह से बेंगलुरु को हर साल 38 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होता है।

<p>बेंगलूरू: पार्किंग की जगह नहीं है तो भूल जाइए कार का सपना</p>
नई दिल्‍ली। बेंगलूरू में रहने वालों के लिए एक बुरी खबर है। इस शहर में रहने वाले वाले जो लोग कार खरीदना चाहते हैं और उनके पास कार पार्किंग की जगह नहीं है तो वो भूल जाएं कार खरीदने का सपना। ऐसा इसलिए कि कर्नाटक के यातायात मंत्री डीसी थमन्‍ना ने एक ऐसा कानून लाने वाले हैं जिसके तहत केवल पार्किंग की स्‍पेस रखने वाले लोग ही कार खरीद पाएंगे। आपको बता दें कि बेंगलूरु में ट्रैफिक जाम बहुत बड़ी समस्‍या है। जाम के पीछे मुख्‍य कारण निजी वाहनों की भरमार है।
डीजल वाहनों पर लगेगी रोक
कर्नाटक के यातायात मंत्री डीसी थमन्‍ना ने ने बताया है कि सरकार एक ऐसे प्रस्‍ताव पर विचार कर रही है जिसके तहत पार्किंग की जगह होने पर ही कार खरीदी जा सकेगी। उन्‍होंने कहा कि यह प्रस्‍ताव शहर की ट्रैफिक व्‍यवस्‍था को नियंत्रित करने और जाम से राहत दिलाने के मकसद से तैयार किया जा रहा है। थमन्‍ना ने कहा कि सड़क पर ट्रैफिक जाम को रोकने के संभावित उपायों में से एक यह भी है कि उन्‍हीं लोगों को कार खरीदने दिया जाए जिनके पास पार्किंग की जगह है। इसके साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयास भी किए जाएंगे। डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर रोक लगाई जा सकती है।
जल्‍द हो सकता है फ्री बस पास का ऐलान
कर्नाटक में कांग्रेस ने प्रदेश के 19.60 लाख छात्रों से फ्री बस पास मुहैया कराने का वादा किया था। कांग्रेस के उसी चुनावी वादे को आगे बढ़ाते हुए मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी जल्‍द ही फ्री बस पास सुविधा बहाल करने वाली व्‍यवस्‍था का ऐलान करेंगे। इस योजना पर अमल हुआ तो राज्‍य के लगभग 19.60 लाख छात्रों को फ्री बस पास का लाभ उठा पाएंगे। फ्री बस पास मिलने पर छात्र पब्लिक ट्रांसपोर्ट से जुड़ी बसों में फ्री में सफर करने के हकदार होंगे।
38,000 करोड़ का नुकसान
एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार ट्रैफिक जाम की वजह से बेंगलुरु को हर साल 38 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होता है। ट्रैफिक जाम की समस्‍या बेंगलूरु में बहुत बड़ी समस्‍या है। इस जाम ने लोगों को निजात दिलाने के लिए कई विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है। यह मसला उस समय सुर्खियों पहुंचा था जब एक युवक ट्रैफिक जाम से पार पाने के लिए घोड़े पर सवार होकर दफ्तर पहुंचा गया। उसने ट्रैफिक जाम से परेशान होकर सरकारी एजेंट का ध्‍यान आकर्षित करने के लिए यह कदम उठाया था।
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