इन सबके बीच इस बार बंगाल चुनाव इस मायने में भी काफी अहम है कि ऑल इंडिया मजलिसे ए इत्तेहादुल मुसलमीन ( AIMIM ) भी चुनाव लड़ेगी। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ( Asaduddin Owaisi ) के इस फैसले से ममता बनर्जी की टेंशन पहले से बढ़ी है और अब एक और घोषणा से ममता बनर्जी की टेंशन और भी हाई होने वाला है।
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दरअसल, ओवैसी ने अपनी पार्टी के 8 नेताओं को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इनमें से बिहार में हाल ही विधायक चुने गए AIMIM के नेता भी शामिल हैं। AIMIM की ओर से जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है, उनमें तेलंगाना के नामपल्ली से विधायक जफर हुसैन मेराज और विधान परिषद सदस्य मिर्जा रियाज उल हसन एफेंदी को कोलकाता और दक्षिण बंगाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके अलावा मुर्शिदाबाद, बीरभूम और नाडिया के लिए बिहार के अमौर से विधायक अख्तर उल ईमान, बिहार के AIMIM यूथ प्रेसिडेंट आदिल हुसैन को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं बिहार के कोचाधमान से पार्टी विधायक हाजी मोहम्मद इजहर अस्फी, जबकि उत्तर, दक्षिण दिनाजपुर, कूच बिहार और अलीपुरद्वार के लिए बिहार के जोकीहाट से विधायक शाहनवाज को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही मालदा क्षेत्र के लिए बिहार के बैंसी से AIMIM विधायक सैयद रूकनुद्दीन अहमद और बिहार के बहादुरगंज से विधायक MLA अंजार नईमी को भी पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
AIMIM ने बंगाल, असम और UP में लड़ेगी चुनाव
आपको बता दें कि 2020 के आखिर में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM ने पांच सीटों पर जीत हासिल की, जिससे अवैसी काफी गदगद हैं। संभवतः यह पहला बड़ा अवसर है जब AIMIM ने हिंदी पट्टी में इतनी बड़ी सफलता हासिल की। इस सफलता से गदगद अवैसी ने पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ने की घोषणा की।
इस घोषणा के बाद से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी टेंशन में आ गई हैं। चूंकि ओवैसी की नजर बंगाल के मुस्लिम मतदाताओं पर है, जहां उनका वोट शेयर 30 फीसदी के करीब है। इससे पहले तक मुस्लिम मतदाता ममता बनर्जी को एकतरफा वोट देते आ रहे हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2021 की गर्मियों की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।