संसद जा रहे अधीर रंजन चौधरी की कार पुलिस ने रोकी, 7 कांग्रेस सांसद लोकसभा से निलंबित

लोकसभा में विपक्ष के नेता विजय चौक से पैदल चलकर अंदर पहुंचे।
दिल्ली हिंसा पर चर्चा की जिद पर अड़े सात सांसदों पर कार्रवाई।
चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बताया- तानाशाही।

<p>Adhir Ranjan Chowdhury Car stopped</p>
नई दिल्ली। संसद में बृहस्पतिवार का दिन काफी गहमागहमी भरा रहा। जहां एक तरफ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की कार को पुलिस ने संसद भवन के अंदर जाने से रोक दिया, वहीं, लोकसभा के भीतर कांग्रेस के सात सांसदों को निलंबित कर दिया गया। चौधरी ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर तानाशाही रवैये पर रोक लगाने की मांग की है।
लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के घर पर हंगामा, मौके पर पहुंची पुलिस ने चार धरे

दरअसल लोकसभा में विपक्षी दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी कार को संसद भवन के अंदर आने से इसलिए रोक दिया गया क्योंकि इसमें 2020 का स्टिकर नहीं लगा था।
उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई ने उनके संसदीय कर्त्तव्यों में बाधा डाली है और यह विजय चौक पर तैनात दिल्ली पुलिसकर्मियों द्वारा उनके विशेषाधिकार का हनन है।

https://twitter.com/DelhiPolice?ref_src=twsrc%5Etfw
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र के मुताबिक, “जब मैं 5 मार्च को दोपहर में अपराह्न सत्र में शामिल होने के लिए संसद भवन आ रहा था, विजय चौक पर तैनात दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मुझे यह कहते हुए संसद भवन जाने से रोका, कि मेरी कार में मार्च 2020 में जारी किया गया नया कार स्टिकर जरूर लगा दिखना चाहिए।”
चारों दोषियों का नया डेथ वारंट जारी होने के बाद निर्भया की मां ने अदालत के बाहर दिया बड़ा बयान

उन्होंने आगे लिखा, “जब मैं इस मामले को लोकसभा के संयुक्त सचिव (सुरक्षा) के पास ले गया, तब उन्होंने कहा वह इस मामले में कुछ नहीं कर सकते हैं। मैं आपको कार्यालय आदेश 2019 का ध्यान दिलाना चाहता हूं कि यह कार पास 31 मार्च 2020 तक वैध है।”
चौधरी ने लिखा, “विजय चौक पर तैनात दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मुझे संसद भवन में जाने से रोककर मेरे संसदीय कर्त्तव्यों में बाधा डाली है और यह विशेषाधिकार हनन है।” उन्होंने आगे यह भी लिखा कि वह इसी कार से 5 मार्च सुबह दो बार संसद भवन पहुंचे, लेकिन तब उन्हें प्रवेश करने से किसी ने नहीं रोका।
https://twitter.com/ANI/status/1235514482698227712?ref_src=twsrc%5Etfw
सात कांग्रेस सांसदों का निलंबन

वहीं, दूसरी तरफ गुरुवार को गौरव गोगोई, टीएन प्रतापन, डीन कुरियाकोस, राजमोहन उन्नीथन, मणिक्कम टैगोर, बेनी बेहनन और गुरजीत सिंह औजला समेत सात कांग्रेस सांसदों को दुराचरण और दुर्व्यवहार के लिए पूरे बजट सत्र के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया। लगातार चौथे दिन दिल्ली हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे कांग्रेस सांसदों पर लोकसभा अध्यक्ष पर कागज फेंकने का आरोप है।
कोरोनावायरस से बचने के लिए साबुन और हैंड सैनिटाइजर्स में से बेहतर कौन? कैसे करें इनका इस्तेमाल?

इस मुद्दे को लेकर भी चौधरी ने मीडिया से कहा, “क्या यह तानाशाही है? ऐसा लगता है कि सरकार नहीं चाहती है कि दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर संसद में चर्चा की जाए, इसलिए ही यह निलंबन किया गया। मैंने भी विरोध किया था, मुझे क्यों नहीं सस्पेंड किया गया? हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।”

अमित कुमार बाजपेयी

पत्रकारिता में एक दशक से ज्यादा का अनुभव. ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार, गैज़ेट वर्ल्ड, डिजिटल टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल, एजुकेशन पर पैनी नज़र रखते हैं. ग्रेटर नोएडा में हुई फार्मूला वन रेसिंग को लगातार दो साल कवर किया. एक्सपो मार्ट की शुरुआत से लेकर वहां होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों-संगोष्ठियों की रिपोर्टिंग.

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.