यहां अक्सर उनकी चहलकदमी देखी जाती है। हालांकि बीच-बीच में पुलिस द्वारा सर्चिंग अभियान चलाया जाता है, लेकिन वर्तमान में 20 नवंबर को मतदान है। ऐसे में माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में हो सकते हैं। इसे देखते हुए पुलिस के आला-अधिकारियों के द्वारा उक्त थानों की पुलिस के अलावा 700 अतिरिक्त पुलिस के जवान लगाए गए हैं। जिनके द्वारा माओवादियों के आने-जाने वाले रास्तों पर लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। साथ ही सर्चिंग अभियान भी चलाया जा रहा है।
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गोपनीय लोग कर रहे कार्य
मिली जानकारी के अनुसार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के गोपनीय लोग भी काम कर रहे हैं। जिनके द्वारा संदिग्ध लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके लिए उक्त गोपनीय लोगों के पास संसाधन भी उपलब्ध कराए गए हैं। जिससे पुलिस के अधिकारियों का मानना है कि अभी तक उनका काम सही चल रहा है।
निकाला जा रहा फ्लैग मार्च
माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस के जवान व सुरक्षा बलों द्वारा फ्लैग मार्च भी निकाला जा रहा है। वहीं बीहड़ जंगल से सटे गांवों में रहने वाले लोगों को पुलिस द्वारा भरोसा दिलाया जा रहा है कि वह उनके साथ हैं। अगर माओवादियों द्वारा कोई अप्रिय घटना को अंजाम देने की कोशिश की जाएगी तो पुलिस उससे निपटने को तैयार है।
-माओवादी प्रभावित थाना क्षेत्रों में चुनाव को लेकर पुलिस के अलावा करीब 700 अतिरिक्त जवानों की ड्यूटी लगाई गई है। जिनके द्वारा माओवादियों के आने-जाने वाले रास्तों में लगातार पेट्रोलिंग व सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही माओवादियों से निपटने गोपनीय लोगों को भी लगाया है, जोकि अपना काम बखूबी कर रहे हैं।
-अनिल तिवारी, सारंगढ़ एसडीओपी