clutter – आइसीयू नहीं होने से हर माह 100 मरीज इंदौर रैफर

इंजीनियर ने कहा अब तक नहीं आए बेडआइसीयू नहीं होने से अटक रही मरीजों की सांसे

<p>hospital clutter</p>
बुरहानपुर. जिला अस्पताल में आइसीयू की सुविधा शुरू नहीं होने से गंभीर मरीजों की सांसे अटक रही है। हर माह 80 से 100 मरीज इंदौर के लिए अस्पताल से रेफर होते हंै। समय पर उपचार नहीं मिलने और लंबी दूरी का फासला होने से गंभीर की मौत का भी बड़ा कारण है।
नेशनल हेल्थ मिशन से 91 लाख रुपए की लागत से जिला अस्पताल में 10 बेड के आइसीयू की सौगात तो दी, लेकिन 4 माह से अधिक समय गुजरने के बाद भी मरीजों का उपचार शुरू नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग और ठेकेदार की लेटलतीफी के चलते आइसीयू तैयार होने में समय लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि ठेकेदार ने अब तक हैंडओवर नहीं किया। जबकि इंजीनियर गणेश तावर ने कहा कि आइसीयू तैयार हो गया है, बेड और वेंटीलेटर लगाना है, लेकिन अब तक हमें विभाग से आइसीयू के स्पेशल बेड नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों से अइसीयू के बेड की मांग करने पर वह भोपाल से आने की बात कहते हैं। आइसीयू के स्पेशल बेड आने के बाद ही वेंटीलेटर मशीनों का उपयोग शुरू होगा। आइसीयू का निर्माण पूरा हो गया है।
एक सप्ताह का लगेगा समय
अस्पताल की प्रथम मंजिल पर 15 बेड का आइसीयू तैयार किया जा रहा है। अब तक यहां पर हॉल तैयार होने के साथ ही पीओपी, ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए गए हैं। इंजीनियर तावर के अनुसार आइसीयू की सफाई कर सिर्फ बेड और वेंटीलेटर लगाना है। यह काम एक सप्ताह में पूरा होगा। अगर बेड और वेंटीलेटर समय पर नहीं मिलते तो दीपावली तक समय लग सकता है।
रैफर मरीजों की बढ़ रही संख्या
जिला अस्पताल से गंभीर मरीजों को रैफर करने की संख्या बढ़ती जा रही है। आइसीयू सहित बड़ी मशीनें और विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को इंदौर रेफर किया जाता है। हर माह रेफर मरीजों का आंकड़ा 80 से 100 के बीच होता है। अगर अस्पताल में आइसीयू की सुविधाएं जल्द मिले तो मरीजों को इंदौर, जलगांव सहित बड़े अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा।
– आइसीयू का काम लगभग पूरा हो गया है, स्पेशल बेड और वेंटीलेटर लगाना है। स्वास्थ्य विभाग अधिकारियों से आइसीयू के बेड की मांग कर रहे हंै।
गणेश तावर, इंजीनियर
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