होली पर पलाश के फूलों के सुगंधित रंग बिखेरेंगे रंगत

होली पर कोरोना से सुरक्षा के लिए घर पर बनाए जा रहे हर्बल रंग और पकवान,वन विभाग भी हर्बल रंग की करेगा बिक्री

<p>पीथमपुर में आजीविका मिशन की ओर से स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों की ओर से बनाए गए गुलाल का स्टाल लगाया।</p>
पीथमपुर। होली का त्योहार को अब चंद दिन ही बाकी रह गए हैं। बाजार में कोरोना संक्रमण के कारण सन्नाटा दिख रहा है। इस महामारी के कारण होली की हुड़दंग और पारंपरिक कार्यक्रमों पर भी पाबंदियों की तलवार लटक गई है। ग्रामीण कहते हैं कि होली का त्योहार बस आने को ही है। एक बार फिर बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण होली के उत्सव पर सख्ती लग सकती हैं और होली का रंग फीका पड़ सकता है। फिर भी युवा और बच्चों ने घर परिवार के बीच ही अपनी होली खेलने की तैयारी कर ली है, लेकिन कोरोना संक्रमण के भय से बच्चे व युवा भी अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क हैं। होली खेलना तो चाहते हैं, लेकिन इसके लिए हर्बल रंगों को घर पर ही बनाने की तैयारी है। वहीं गृहणियों ने घर में मार्केट से कोई मिठाई व नाश्ता लाने के लिए मना कर दिया है। वे घर पर ही पकवान बनाकर होली का उत्सव मनाने वाली हैं। सिर्फ यही नहीं शहर में अधिकांश घरों में कुछ ऐसा ही माहौल नजर आ रहा है।
घर पर ही खेलेंगे होली
छात्रा नेहा राजपूत, अंकिता पांडेय ने बताया कि उनका संयुक्त परिवार है और घर में करीब दस बच्चे हैं। हम सभी लोग अपने ही घर पर रहकर होली खेलेंगे। बाहर नहीं जाएंगे। इसके लिए हम लोगों ने एक सप्ताह पहले से ही रंगों को घर पर ही बनाने की शुरुआत कर दी है। मार्केट से रंग व गुलाल लाना इस समय असुरक्षित है। हमारे पेरेंट्स ने भी मार्केट से रंग लाने के लिए मना किया है। इस बार होली पूरे देसी व पारंपरिक अंदाज में मनाने वाले हैं।
त्वचा व बालों के लिए भी अच्छे हर्बल रंग
सौंदर्य विशेषज्ञ निधि राजपूत ने बताया कि होली खेलने के लिए मार्केट में मिलने वाले रंग त्वचा व बालों के लिए अच्छे नहीं होते। इनके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। इसलिए बेहतर है कि घर पर ही हर्बल रंगों को बनाकर होली खेलें। होली खेलने के लिए हल्दी, चुकंदर, बेसन, गुलाब, टेसु,केसर जैसी वस्तुओं से होली के लिए रंग बनाए जा सकते हैं। इनसे त्वचा पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होते।

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