ये भी पढ़ें- कोरोना इलाज में डॉक्टर इन चार दवाईयों का कर रहे इस्तेमाल, बाजार में बढ़ रही मांग, जानें कीमत यह है मामला- मामला पीलीभीत का है। यहां बिलसंडा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक अरविंद कुमार ने 5 नवंबर 2015 को ड्यूटी ज्वाइन की थी, लेकिन अगले वर्ष 22 मई 2016 को उनकी मृत्यु हो गई थी। बावजूद इसके शिक्षा विभाग मृतक के खाते में तनख्वाह भेजता रहा। इस पर खुलासा तब हुआ जब अरविंद कुमार की पत्नी वंदना नियुक्ति को लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास पहुंची। बीएसए ने उनकी नियुक्ति से पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी से अरविंद की सैलरी के बारे में प्रोटोकॉल के तहत बातचीत की। जब उन्हें अरविंद की मृत्यु व उसके बाद भी वेतन मिलने की जानकारी मिली तो उनके होश उड़ गए। बीएसए देवेंद्र स्वरूप ने अधिकारियों को फटकार लगाई व जांच के तुरंत आदेश दिए।
ये भी पढ़ें- यूपी में आए 4,583 नए मामले, सीएम योगी ने हर जनपद में लेवल-2 व लेवल-3 के कोविड अस्पताल बनाने के दिए निर्देश उन्होंने साफ किया कि इस चूक के लिए विभाग में ऊपर से नीचे तक सभी पर कार्रवाई होगी। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग के अधिकारी लीपापोती में जुटे हैं। बताया गया है कि टीचर को पिछले दो साल में वेतन के साथ इंक्रीमेंट भी दिए गए।