पीलीभीत चीनी का कटोर है। चीनी की मिठास के लिए पीलीभीत बहुत मशहूर है। यहां गन्ना बड़ी मात्रा में पैदा होता है, जिस वजह से पीलीभीत जिले में कई चीनी मिलें हैं। क्रेशर और कोलहू भी गन्ने के अधिक उत्पादन की वजह से चीनी और गुड़ बनाते हैं।
वेस्टेज मैली से बनाया कोयला :- पीलीभीत में चीनी की कई छोटी बड़ी मिलें होने का फायदा शायक अहमद ने उठाया और शुगर फैक्ट्री से निकलने वाली वेस्टेज मैली को खरीद कर उससे कोयला बनाने लगे। अब तक वेस्टेज मैली या तो पटान के काम आती थी या खाद के रूप में खेतों में डाली जाती थी। पर शायक अहमद (39 वर्ष) को वेस्टेज मैली से कोयला बनाने का आइडिया आया। जानकारी इकट्ठा की। पंजाब से मशीन खरीदी जो सूखी मैली को एक शक्ल देती है और कोयले के टुकड़े बनाती है, जिन्हें ब्रेकेट्स कह पुकारते हैं।
कई लोगों की रोजी रोटी का बने जरिया :- शायक अहमद वेस्टेज मैली से कोयला बनाकर व्यापारी तो बन गए पर उनके सामने दिक्कत इस कोयले को बेचने की थी। तो शायक ने खुद इस कोयले को बेचने का बीड़ा उठाया और ईंट भट्टा मालिकों से सम्पर्क किया। शायक ने बताया कि शुरुआती दिक्कतों के बाद आज वह पूरे जिले में मैली से बना कोयला सप्लाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं कोयले के इस व्यापार से गांव कई लोगों को रोजगार भी मिला, गांव व आसपास के तकरीबन 25-30 लोगों को अपनी रोजी-रोटी का जरिया इस उद्योग से मिला।
खादी ग्रामोद्योग से मिली मदद :- अपने आईडिया के बल से सफल व्यापारी बने शायक अहमद के चेहरे आज खुशी का आलम छलकता है। शायक खुशी-खुशी बताते है कि, सरकार ने भी इस काम में मुझे मदद की है। खादी ग्रामोद्योग से 8.75 आठ का लोन मिला। जिससे उन्हें व्यापार करने में मदद मिली।
युवा व्यापारी बना उम्मीद :- वैसे तो शायक अहमद एक व्यापारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। बीएससी पास शायक का बचपन से ही बिजनेस में रुझान था। आज यह युवा व्यापारी पूरे ज़िले के व्यापारियों को एक नई राह दिखा रहा है।