इस गाने के माध्यम से उन्होंने जेल में बंद कैदियों समेत देशवासियों को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया है। इस कड़ी में उन्होंने गाने को एक कैदी अनुपम के साथ मिलकर लिखा है। वहीं इसे जेल में बंद विचाराधीन बंदी देवेंद्र के साथ मिलकर गाया है। बता दें कि मूलरूप से इटावा की फ्रेंड्स कॉलोनी के रहने वाले अनूप मानव शास्त्री को लिखने और पढ़ने का शौक हैं। वे आए दिन नए नए प्रयोग के जरिए शहर भर में चर्चा का विषय रहते हैं।
इससे पहले उन्होंने पोस्टर अभियान चलाकर जनता को कोरोना के प्रति जागरूक करने का कार्य किया था। अमरप्रेम व शोले जैसी चर्चित फिल्मों के पोस्टर में फिल्मी सितारों के फेमस डायलॉग को आधार बनाकर नए डायलॉग्स तैयार किए गए थे। उनके जरिए जनता को कोरोना वायरस से बचने के तरीके बताए गए थे। इसके अलावा जेल अधीक्षक ने गाना गाकर भी जनता को हौसला देते हुए संदेश जारी कर चुके हैं
अनूप जेल में सेनीटाइज टनल भी बनवा कर चर्चा में आ चुके हैं। इससे पहले उन्होंने मदर्स डे पर प्रकृृति माता को समर्पित करते हुए ‘चिड़ियों की दुआएं’ शीर्षक से न सिर्फ गीत की रचना की थी बल्कि उसे अपना स्वर भी प्रदान किया था। इस गीत ने भी सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। अब एक बार फिर जेल अधीक्षक अपने आत्मनिर्भर गीत को लेकर चर्चा में हैं।