आज ऐन्द्र नामक योग रात्रि १.०२ तक, इसके बाद वैधृति नामक योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक अशुभ योग है। वैधृति नामक योग की समस्त घटियां शुभ कार्यों में सर्वथा वर्जनीय हैं। विशिष्ट योग: यमघंट नामक अशुभ योग सूर्योदय से पूर्वाह्न ११.४७ तक, कुमार योग नामक शुभ योग पूर्वाह्न ११.४७ से अंतरात्रि ४.०८ तक, इसके बाद सूर्योदय तक त्रिपुष्कर नामक शुभाशुभ योग है। नक्षत्र: आद्र्रा ‘तीक्ष्ण व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र पूर्वाह्न ११.४७ तक, इसके बाद पुनर्वसु ‘चर व तिङ्र्यंमुख’ संज्ञक नक्षत्र रहेगा। आद्र्रा नक्षत्र में लड़ाई- झगड़ा, छेदन, मारण, बंधन व विद्यादि कार्य करने योग्य हैं। पुनर्वसु नक्षत्र में शांति, पुष्टता, यात्रा, अलंकार, घर व व्रतादि कार्य करने चाहिए।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ९.५५ से दोपहर बाद १.४८ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत तथा अपराह्न ३.०६ से सायं ४.२३ तक शुभ के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर १२.१० से १२.५१ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।