अमरनाथ यात्रा के लिए 2,480 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को 2,481 अमरनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया गया

<p>amarnath yatra</p>
आतंकवादी हमले की चेतावनी के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को 2,481 अमरनाथ धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया गया। जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा गुरुवार से शुरू हो रही तीर्थयात्रा के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे।

तीर्थयात्री भगवती नगर यात्री निवास से 66 वाहनों में सवार होकर निकले। एक अधिकारी ने बताया कि 1,616 तीर्थयात्रियों के लिए पहलगाम मार्ग से और 865 तीर्थयात्रियों को बालटाल मार्ग से रवाना किया गया।

गौरतलब है कि उत्तरी कश्मीर के बालटाल शिविर से करीब 6,000 तीर्थयात्रियों और पहलगाम मार्ग से 5,000 तीर्थयात्रियों को मंदिर की ओर जाने की अनुमति दी गई है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष वोहरा गुरुवार को अमरनाथ गुफा में पारंपरिक पूजा में शामिल हुए।

इस यात्रा की आधिकारिक शुरुआत ‘छड़ी मुबारक’ (भगवान शिव के दंड) के आगमन और अमरनाथ गुफा में पारंपरिक प्रार्थना के साथ शुरू होगी। अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष वोहरा गुरुवार को अमरनाथ गुफा में पारंपरिक पूजा में शामिल होंगे।

आतंकवादी हमलों की खुफिया सूचना के मद्देनजर इस साल की यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। सैमसंग ट्रैकिंग सिस्टम, ड्रोन, मोबाइल बंकर वाहन, रोड ओपनिंग पार्टी (आरओपी) सहित जम्मू से पहलगाम और बालटाल तक पूरे मार्ग में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है।

यात्रा के शांतिपूर्ण संचालन के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की सहायता के लिए अतिरिक्त 40,000 अर्धसैनिक बल उपलब्ध कराए हैं। सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सशस्त्र सीमा बल और राज्य पुलिस तीर्थयात्रियों को बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रदान कर रही है। बालटाल और पहलगाम शिविर में भी भारी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं।

बाबा अमरनाथ के दर्शन के बाद तीर्थयात्रियों को बालटाल शिविर तक लौटने में सिर्फ एक दिन का समय लगता है। हालांकि, पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक एक तरफ की यात्रा में चार दिन लगते हैं। बालटाल से गुफा की दूरी 14 किलोमीटर जबकि पहलगाम से 46 किलोमीटर है।

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में 40 दिवसीय हिमालय की पवित्र तीर्थस्थल यात्रा 7 अगस्त को रक्षा बंधन त्यौहार के साथ श्रावण पूर्णिमा पर समाप्त हो जाएगी।
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