जयपुर के लिए एक नया त्योहार तैयार किया प्रसिद्ध थिएटर डायरेक्टर अतुल सत्य कोशिक ने कहा कि वह दीपक ही थे, जिनके होने से पूरा जयपुर शहर अपना ही लगता था। दीपक गेरा ने पूरे देश के थिएटर को जयपुर में एक साथ लाकर एक नया त्यौहार सा रच दिया। हर रंगकर्मी का इस फेस्ट में शामिल होना एक सपने की तरह हो गया। दिल्ली के प्रसिद्ध थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौड ने बताया कि दीपक गेरा का असमय जाना भारतीय रंगमंच के लिए बहुत बडी क्षति है। दीपक को भारतीय रंगमंच के इतिहास मे एक अद्वितीय रंगकर्म आयोजक के रूप में सदैव याद किया जाएगा। रंगमंच बिरादरी ने एक दूरदर्शी स्वप्नदृष्टा और बिग ब्रदर खो दिया। दीपक गेरा ने 2012 में जयपुर में जयरंगम महोत्सव शुरू किया था। थोड़े ही समय में यह भारत का सबसे प्रमुख नाट्य महोत्सव बन गया।
थिएटर और म्यूजिक को नुकसान प्रसिद्ध एक्ट्रेस इला अरुण ने कहा कि दीपक गेरा और संदीप चंडोक का यूं चले जाना थिएटर और म्यूजिक के लिए बड़ा नुकसान है। दीपक ने ड्रामा फेस्टिवल के रूप में जयरंगम को तैयार किया और वल्र्ड थिएटर को जयपुर के करीब लेकर आए। वहीं संदीप ने स्पीक मैके के जरिए क्लासिकल म्यूजिक को स्टूडेंट्स तक पहुंचाया। जयपुर को म्यूजिक इन द पार्क का तौहफा दिया। फिल्म डायरेक्टर अविनाश दास ने बताया कि पिछले एक महीने से दीपक के दुआएं मांग रहे थे, लेकिन कोविड ने एक प्यारा दोस्त छीन लिया। नई- नई को लेकर उत्साह से दमकता हुआ उनका चेहरा याद आ रहा है।
दिग्गजों ने जताया शोक
दीपक गेरा और संदीप चंडोक की निधन की खबर के बाद देशभर के कलाकारों ने शोक व्यक्त किया। मोहनवीणा वादक पं. विश्वमोहन भटृट, रवीन्द्र उपाध्याय, शाकिर अली, उस्ताद वासिफुदृदीन डागर, मोहम्मद वकील, दीपा माथुर, धर्मेन्द्र छाबडा, श्वेता अग्रवाल, गौरव जैन, राजेन्द्र राव, साकेत माथुर, संजय रायजादा, गौरव जैन, अभिषेक मुदृगल, रवि झांकल, मनीषा ए अग्रवाल, लता सुरेश, तिलक गिताई, राजीव टाटीवाला, हनुरोज, हिमांशु झांकल, राजेन्द्र सिंह पायल, नरेन्द्र गुप्ता, नरेन्द्र अरोडा, शिवशंकर, तपन भटृट, शिप्रा शर्मा, सोविला माथुर, शक्ति बारेठ, अहाना कुमार, दुष्यंत, इरा टाक, विशाल भटृट, अविनाश त्रिपाठी, समीर पहाडिया, सागर किराड सहित कई लोगों ने सोशल मीडिया पर ट्रिब्यूट दिया।