अपनी तैयारी जारी रखें
एग्जाम से लगातार आगे बढऩे से स्टूडेंट्स का एनर्जी लेवल डाउन हो रहा है, ऐसे में उन्हें समझने की जरूरत है कि यह स्थिति सबके साथ एक जैसी है। अपनी तैयारी को जारी रखें और निराश ना हो। दूसरा, एग्जाम पोस्टपोन होने के कारण जिन स्टूडेंट्स की तैयारी बहुत अच्छी थी, उनकी परफॉर्मेंस गिर रही है। ये बच्चे साइकोलॉजिकल डिस्ऑर्डर के शिकार हो रहे हैं और इनकी परफॉर्मेंस लगातार गिर रही है। ऐसी स्थिति में पैरेंट्स को ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को मोटिवेशन मिलता रहना चाहिए, ताकि वे अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर कर सके। हालांकि जिन स्टूडेंट्स की तैयारी अच्छी नहीं थी , उन्हें अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का पूरा मौका मिला है।
……
ऑनलाइन स्टडी मोनिटर हो
बच्चों पर इस समय ऑनलाइन स्कूल स्टडी का प्रेशर कम होना चाहिए, ऑनलाइन स्टडी में बच्चे ज्यादा थकते हैं। उनकी ज्यादातर एक्टिविटीज स्क्रीन के आगे होने लगी हैं, जिससे आंखों के साथ मेंटल हैल्थ भी प्रभावित होती है। हमें लगता है कि स्कूलों को जुलाई की जगह अगस्त से स्कूल स्टडी प्लान करनी चाहिए।
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रीविजन पर फोकस्ड हो
जेईई और नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को रीविजन पर ध्यान देना चाहिए। होता यह है कि जैसे-जैसे बच्चा एग्जाम को लेकर अपना माइंड सैट करने लगता है, पूरी तैयारी करने लगता है, वैसे ही एग्जाम आगे खिसक जाते हैं। इस स्थिति में उसे डिमोटिवेट होने की वजह अपने रीविजन पर फोकस्ड होना चाहिए। ………..
कॉम्पीटिशन टफ है, लेकिन डरे नहीं
स्टूडेंट्स को यह भी डर सता रहा है कि अब कॉम्पीटिशन पहले से ज्यादा टफ होने वाला है, क्योंकि जिन स्टूडेंट्स की तैयारी पहले अच्छी नहीं थी, उन्हें पढऩे का पूरा टाइम मिल गया है। इस स्थिति में वह भी कॉम्पीटिशन के दायरे में आ गए हैं। इस स्थिति में भी स्टूडेंट्स को परेशान होने की जरूरत नहीं हैं, अपनी तैयारी पर फोकस रखना चाहिए।
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मास्क पहनकर एग्जाम देने की आदत डालें
एग्जाम आगे जरूर खिसक सकते हैं, लेकिन रद्द नहीं हो सकते। इस स्थिति में स्टूडेंट्स को मास्क पहनकर तीन घंटे एग्जाम देने की आदत डालनी होगी। ताकि जब भी एग्जाम हो, उनके लिए मास्क पहनना सहज हो जाए।
एग्जाम से लगातार आगे बढऩे से स्टूडेंट्स का एनर्जी लेवल डाउन हो रहा है, ऐसे में उन्हें समझने की जरूरत है कि यह स्थिति सबके साथ एक जैसी है। अपनी तैयारी को जारी रखें और निराश ना हो। दूसरा, एग्जाम पोस्टपोन होने के कारण जिन स्टूडेंट्स की तैयारी बहुत अच्छी थी, उनकी परफॉर्मेंस गिर रही है। ये बच्चे साइकोलॉजिकल डिस्ऑर्डर के शिकार हो रहे हैं और इनकी परफॉर्मेंस लगातार गिर रही है। ऐसी स्थिति में पैरेंट्स को ध्यान देने की जरूरत है। बच्चों को मोटिवेशन मिलता रहना चाहिए, ताकि वे अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर कर सके। हालांकि जिन स्टूडेंट्स की तैयारी अच्छी नहीं थी , उन्हें अपनी परफॉर्मेंस सुधारने का पूरा मौका मिला है।
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ऑनलाइन स्टडी मोनिटर हो
बच्चों पर इस समय ऑनलाइन स्कूल स्टडी का प्रेशर कम होना चाहिए, ऑनलाइन स्टडी में बच्चे ज्यादा थकते हैं। उनकी ज्यादातर एक्टिविटीज स्क्रीन के आगे होने लगी हैं, जिससे आंखों के साथ मेंटल हैल्थ भी प्रभावित होती है। हमें लगता है कि स्कूलों को जुलाई की जगह अगस्त से स्कूल स्टडी प्लान करनी चाहिए।
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रीविजन पर फोकस्ड हो
जेईई और नीट की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को रीविजन पर ध्यान देना चाहिए। होता यह है कि जैसे-जैसे बच्चा एग्जाम को लेकर अपना माइंड सैट करने लगता है, पूरी तैयारी करने लगता है, वैसे ही एग्जाम आगे खिसक जाते हैं। इस स्थिति में उसे डिमोटिवेट होने की वजह अपने रीविजन पर फोकस्ड होना चाहिए। ………..
कॉम्पीटिशन टफ है, लेकिन डरे नहीं
स्टूडेंट्स को यह भी डर सता रहा है कि अब कॉम्पीटिशन पहले से ज्यादा टफ होने वाला है, क्योंकि जिन स्टूडेंट्स की तैयारी पहले अच्छी नहीं थी, उन्हें पढऩे का पूरा टाइम मिल गया है। इस स्थिति में वह भी कॉम्पीटिशन के दायरे में आ गए हैं। इस स्थिति में भी स्टूडेंट्स को परेशान होने की जरूरत नहीं हैं, अपनी तैयारी पर फोकस रखना चाहिए।
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मास्क पहनकर एग्जाम देने की आदत डालें
एग्जाम आगे जरूर खिसक सकते हैं, लेकिन रद्द नहीं हो सकते। इस स्थिति में स्टूडेंट्स को मास्क पहनकर तीन घंटे एग्जाम देने की आदत डालनी होगी। ताकि जब भी एग्जाम हो, उनके लिए मास्क पहनना सहज हो जाए।