राजस्थानी और मध्यप्रदेश के लोक नृत्य प्रस्तुतियों ने जीता दिल
जयपुर. जवाहर कला केन्द्र के शिल्पग्राम में चल रहे मध्यप्रदेश सरकार के मृगनयनी उत्सव में बुधवार को लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां हुई। राजस्थानी और एमपी के लोक नृत्यों को कलाकारों ने बड़ी सादगी के साथ पेश किया। राजस्थान के कलाकारों ने जहां घूमर, चरी, कालबेलिया नृत्य के जरिए सांस्कृतिक छटा को प्रस्तुत किया, वहीं मध्यप्रदेश के उज्जैन-मालवा की लोक संस्कृति को कलाकारों ने लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां के साथ साकार किया। प्रदर्शनी मैनेजर एमएल शर्मा ने बताया कि यह कार्यक्रम दो राज्यों की लोक कलाओं को एकाकार करने के लिए आयोजित किया गया था। जयपुराइट्स का रुझान देखते हुए उत्सव को 17 फरवरी तक बढ़ाया गया है। शर्मा ने बताया कि यह उत्सव चंदेरी थीम पर आयोजित हुआ। चंदेरी साड़ी का इतिहास लगभग 600 वर्ष पुराना है। इनका उपयोग पहले केवल राजघरानों और धनाढ्य परिवारों में होता था। बाद में मध्य प्रदेश सरकार ने चन्देरी साडिय़ों को आमजन तक पहुंचाने की योजना बनाई। तब चन्देरी उत्पादों को सरकारी प्रोत्साहन मिला और इस साड़ी की कुछ डिजाइन आमजन तक पहुंच वाली भी बनने लगी। प्रदर्शनी में चन्देरी के साथ ही माहेश्वरी और मलबरी सिल्क की साडिय़ां और अन्य उत्पाद भी मिल रहे हैं।