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लाखों का पैकेज छोड़कर शुरू किया स्टार्टअप, सरकारी स्कूलों को मिल रही कोडिंग नॉलेज

शहर के ओपी गोदार के स्टार्टअप को मिली 10 करोड़ की फंडिंग, एक हजार से ज्यादा टीचर्स को दे चुके रोजगार

जयपुरSep 23, 2021 / 11:55 pm

Anurag Trivedi

लाखों का पैकेज छोड़कर शुरू किया स्टार्टअप, सरकारी स्कूलों को मिल रही कोडिंग नॉलेज

अनुराग त्रिवेदी
जयपुर. इस समय कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसे सब्जेक्ट्स को लेकर स्कूलों के स्टूडेंट्स भी गंभीर है। प्रदेश के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स तक इन सब्जेक्ट्स को पहुंचाने के लिए दिल्ली आइआइटी से ग्रेजुएट ओपी गोदारा ने लाखों का पैकेज छोड़कर स्टार्टअप तैयार किया। आज इस स्टार्टअप के जरिए डेढ़ लाख स्टूडेंट्स को फायदा पहुंच गया है। ओपी गोदारा ने बताया कि स्टार्टअप ‘टिंकरलीÓ को 6.5 करोड़ का इन्वेस्टमेंट नवनीत पब्लिकेशन से मिला है और अब तक 10 करोड़ की फंडिंग मिल चुकी है। राजस्थान गवर्नमेंट से भी बेस्ट स्टार्टअप का अवॉर्ड भी मिल चुका है।
सरकारी स्कूलों में अटल टिंकरिंग लेब का सेटअप

गोदारा ने बताया कि नीति आयोग के साथ मिलकर हम सरकारी स्कूल में अटल टिंकरिंग लेब का सेटअप करते है। स्टार्टअप इंडिया से एसोसिएटेड है। अभी 100 से ज्यादा युवाओं और 1000 से ज्यादा टीचर्स को रोजगार दे चुके हैं। टिंकरली का मुख्य उद्देश्य जटिल से जटिल विषय गणित, विज्ञान, कोडिंग एंड रोबोटिक्स को अपने काइट्स (मॉड्यूल) से माध्यम से स्टूडेंट्स के लिए आसान बनाना है। इसके जरिए खेल-खेल में सब्जेक्ट को बच्चों से जोड़ा जाता है।
2015 में शुरुआत
गोदारा के साथ शरद बंसल, कपिल आर्य आइआइटी दिल्ली से ही जुड़े हुए हैं। इनके अलावा विवेव पाठक तीन-चार साल कॉरपोर्रेट में एक्सपीरियंस लेने के बाद स्टार्टअप से जुड़े। इस स्टार्टअप को 2015 में शुरू किया गया था। गोदारा ने बताया कि कॉलेज में 25 लाख का पैकेज मिला था, लेकिन सरकारी स्टूडेंट्स के लिए कुछ अलग करने के उद्देश्य से इस स्टार्टअप को शुरू किया। हमने छह साल में डेढ़ लाख बच्चों को इन विषयों से जोड़ा है और 6 हजार से ज्यादा स्कूलों में इस तकनीक से पढ़ाई हो रही है।
स्टूडेंट्स के क्रिएशन
– 10वीं कक्षा के बच्चों ने मोबाइल एप डवलप की

– कक्षा 9वीं की छात्रा ने 3डी प्रिंटर से अपनी स्कूल की बिल्डिंग डिजाइन बनाई

– कक्षा 6 के बच्चों ने आधुनिक खेतो में काम आने वाला वाटर स्प्रिंकल बनाया

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